देहरादून। शनिवार को उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया। जिसमें उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए भ्रष्टाचार से जुडे़ मुददों को उठाया। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार साढ़े चार साल बाद नींद से जागी है और उसमें जो छात्रों को लैपटॉप और स्मार्टफोन देने का अपने घोषणापत्र में वादा किया था वह उसे करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया को बिना अपनाये सरकार यह काम पी0एस0यू0 के माध्यम से करा रही है। और आनन फानन में बडे पैमाने पर लैपटॉप एवं स्मार्टफोन खरीदने जा रही है जो निश्चित तौर पर समय कम होने के कारण नियम कानूनों को ताक पर रखकर सरकार द्वारा ऐसा किया जा रहा है, यदि सरकार को पी0एस0यू0 के माध्यम से इन्हें खरीदना है तो वह नियमों का और सी0वी0सी0 गाइडलाइन्स का पालन करें यदि ऐसा नही किया जाता है तो इसे नियमों का अतिक्रमण और भ्रष्टाचार ही समझा जाएगा। उन्होेनें कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है इसकी खरीद तय मानकों के अनुरूप ही की जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरीके से भ्रष्टाचार में लिप्त है और विभिन्न प्रकार के भ्रष्टाचार जिसमें मुक्त विश्वविद्यालय में गलत तरीके से 56 लोगों की नियुक्तियॉ की गयी वह नियम विरुद्ध है और गुपचुप तरीके से हुई नियुक्तियां सरकार की पोल खोलती हैं। सहकारिता विभाग में आये दिन भ्रष्टाचार के मुददे सामने आते हैं। कुम्भ में कोरोना टेस्टिंग घोटाले पर सरकार द्वारा जांच एजेन्सी का गठन न करना सरकार की संलिप्तता दर्शाता है। और इतने बडे घोटाले में अधिकारियों को निलंबित करना और किसी अन्य का नाम न आना संदेह पैदा करता है।
समाज कल्याण विभाग ने एक बडे़ छात्रवृति घोटाले को अंजाम दिया और गलत तरीके से छात्रवृति आवंटित कर दी गयी। इस पर भी सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नही की गयी। इसी प्रकार से कर्मकार कल्याण बोर्ड में करोडों रूपये का एक बडा घोटाला हुआ जिसका भी कोई जॉच नही की गयी। इन सब घोटालों का पर्दाफाश हो चुका है फिर भी सरकार द्वारा कोई कार्यवाही घोटालेबाजों के विरुद्ध नही की गई है। उन्होंने मांग की कि दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही हो।
गोदियाल ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल लाईन स्वीकृत हुई थी जिसके लिए उन्होेनें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं उस समय की रेल मंत्री ममता बैनर्जी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में स्थानीय ठेकेदारों एवं गाडी सप्लायरों की बडे पैमाने पर अनदेखी हो रही है और इस परियोजना में स्थानीय ठेकेदारों एवं अन्य कार्य करने वाले लोगो का सहयोग न लेते हुए बाहरी कम्पनियों से काम कराया जा रहा है। जिससे स्थानीय लोग अपने को ठगा से महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या के दबाव को आधार बनाकर सरकार जो साम्रदायिक रंग देना चाहती है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होेंने कहा कि जाति धर्म या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव करना अनुचित है। गणेश गोदियाल ने मूल निवासियों के पलायन को राज्य सरकार की विफलता बताया।