कांग्रेस ने सरकार बनने पर न्यूनतम मजदूरी 237 से बढ़ाकर ₹400 करने का किया है वादा
देहरादून। चुनावी सीजन में मनरेगा मजदूरों की एक बड़ी संख्या विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं के रूप में दिहाड़ी कर रही है। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में सस्ते में ठेके पर इनकी सप्लाई हो रही है। झुलसाने वाली गर्मी में श्रमिकों को मजदूरी से ज्यादा नारेबाजी और प्रचार भा रहा है। रोजाना 300 रुपये नकद और खाना-पीना फ्री के चक्कर में मनरेगा मजदूरों को कार्यकर्ता बनना रास आ रहा है। प्रत्याशियों को भी ये पैकेज करीब 40 फीसदी तक सस्ता पड़ रहा है।
कांग्रेस ने सरकार आने पर प्रत्येक मजदूर को 237 रूपये से बढ़ाकर ₹400 न्यूनतम मजदूरी का वादा किया है। पार्टी द्धारा जारी गारंटी कार्ड में इसका उल्लेख किया गया है कि कांग्रेस सरकार बनने पर प्रत्येक मजदूर की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर ₹400 करने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
देश में पहली अप्रैल से मनरेगा मजदूरों को 237 रुपये मजदूरी मिल रही है। मजदूरी की दर में सात रुपये का इजाफा हुआ है। अप्रैल से पहले मनरेगा में मजदूरी 230 रुपये थी। चुनावी सीजन में मनरेगा मजदूरों की भी सहालग चल रही है। कड़ी धूप में आठ घंटे की हाड़तोड़ मेहनत करने की जगह मनरेगा मजदूरों को नारेबाजी करना ज्यादा भा रहा है। इलाकाई नेताओं के लिए भी ये मजदूर मुफीद साबित हो रहे हैं।