देहरादून। उत्तराखंड में चुनावी वर्ष में फिर से मलिन बस्तियों पर राजनीति शुरू हो गई है। प्रदेश में मलिन बस्तियों की संख्या 582 है। शहरी क्षेत्रों की इन बस्तियों को चुनावी राजनीति में खासा असरकारी माना जाता है। रायपुर विधानसभा क्षेत्र के तुनवाला में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मलिन बस्तियों के सौंदर्य करण की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर कांग्रेस ने इसे चुनावी स्टंट बताया है। कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक राजकुमार जो कि पूर्व में मलिन बस्ती चेयरमैन भी रह चुके हैं ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है जोकि भाजपा द्वारा चुनाव के कुछ माह पूर्व वोट पाने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर मलिन बस्तियों एवं वहां निवास कर रहे लोगों की सरकार को चिंता होती तो पिछले साढे चार वर्षों में भाजपा सरकार मलिन बस्तियों मालिकाना हक, नियमितीकरण व सौंदर्य करण अवश्य करती। अब यह इसलिए बोला जा रहा है क्योंकि चुनाव बहुत ही निकट है तथा वोट पाने के लिए कुछ तो करना होगा। पूर्व विधायक ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के राज में मलिन बस्तियों के लिए 400 करोड़ रुपए की नियमावली लाई थी जो कि कैबिनेट में भी पास हुआ था लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा उस नियमावली को वहीं पर रोक दिया गया और मलिन बस्तियों के लिए आज तक भाजपा सरकार द्वारा कुछ भी नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने जो बात मलिन बस्तियों के हित के लिए की है वह सिर्फ बात बन कर रह जायेगी क्योंकि भाजपा सरकार ने जब जब मलिन बस्तियों के हित के लिए कोई भी कार्य करने के लिए कहा है वह कभी पूरे नहीं हुए हैं जोकि सबके सामने हैं। राजकुमार ने भाजपा सरकार की निंदा करते हुए कहा कि यह सरकार मलिन बस्ती विरोधी सरकार है और मलिन बस्तियों को सिर्फ और सिर्फ चुनावी स्तर से देखती है इसलिए मुख्यमंत्री चुनाव के 6 माह पूर्व ऐसे चुनावी स्टंट खेल रहे हैं।