मुस्लिम व्यक्ति द्वारा पूजा सामग्री बेचने से नाराज़ रूद्र सेना के संस्थापक राकेश उत्तराखंडी ने बंद कराई दुकान

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दुकानदार पर पूजा सामग्री बेचकर धार्मिक भावनाएं आहत करने का लगाया आरोप

देहरादून। देश के सबसे शांत राज्यों में शुमार उत्तराखंड में हाल के दिनों में धार्मिक कट्टरता लगातार बढ़ती जा रही है। कई लोग धर्म के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में इस शांत प्रदेश को नफरत की आग में झोंक देने का काम लगातार कर रहे हैं। पुरोला की घटना के बाद अब एक मामला पछवादून के कालसी से सामने आया है। जहां रूद्र सेना के संस्थापक राकेश उत्तराखंडी एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कालसी गेट बाजार में परना प्रदर्शन करते हुए मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति की दुकान को बंद करा दिया। गनीमत रही की स्थानीय पुलिस सूचना मिलते ही एकदम एक्टिव हो गई और मामला बिगड़ता देख रूद्र सेना के संस्थापक राकेश तोमर उत्तराखंडी को हिरासत में लेते हुए दुकान को खुलवाया। बाज़ार में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बाजार से खदेड़ा। हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने कड़ी हिदायत देकर राकेश तोमर उत्तराखंडी को रिहा कर दिया।

शनिवार की शाम रूद्र सेना और बजरंग दल के कार्यकर्ता रूद्रसेना के संस्थापक राकेश उत्तराखंडी के नेतृत्व में कालसी बजार में एकत्र हुए। जहां उन्होंने मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति द्वारा संचालित दुकान के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। राकेश तोमर उत्तराखंडी ने आरोप लगाया कि डेयरी फार्म की दुकान एक महिला के नाम आवंटित है। जिसने नियम विरूद्ध दुकान को करीब चार माह पूर्व एक धर्म विशेष के व्यक्ति को किराए पर दे दिया। जिसमें वह व्यक्ति परचून की दुकान चला रहा है। राकेश का आरोप है कि धर्म विशेष की पहचान छिपाकर पूजन सामग्री भी बेची जा रही है। जिससे हिंदू धर्म की आस्था से खिलवाड़ हो रहा है।

उन्होंने कहा कि बाजार में मीट की दुकान में धर्म विशेष की पहचान छिपाकर संचालित की जा रही है। दुकान के बाहर हलाल का बोर्ड नहीं लगाया जा रहा है। कहा कि ऐसी दुकानें किसी भी सूरत में संचालित नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि सात दिन के भीतर डेयरी प्रबंधन दुकान का आवंटन निरस्त नहीं करता तो फिर से आंदोलन किया जाएगा। थानाध्यक्ष कालसी रविंद्र नेगी ने कहा कि किसी को माहौल खराब नहीं करने दिया जाएगा। राकेश उत्तराखंड को हिदायत देकर रिहा कर दिया गया है। इस संबंध में डेयरी प्रबंधन से भी वार्ता की गई है। प्रबंधन को दुकान से संबंधित विवाद निपटाने को कहा गया है। बिना किसी सरकारी आदेश के किसी की दुकान बंद कराना गैर कानूनी है। दुकान को खुलवा दिया गया है।