आगरा के कस्बा शमसाबाद में फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार कर लोन लेने वाले गिरोह के सरगना सहित शातिरों को पुलिस और एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।
आगरा। आगरा के कस्बा शमसाबाद में फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार कर लोन लेने वाले गिरोह के सरगना सहित सात शातिरों को पुलिस और एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से 200 दो पहिया वाहनों पर लोन लिया है। वाहन लेकर सस्ते रेट में लोगों को बेच दिए थे।
आरोपियों ने बैंक और फाइनेंस कंपनी को एक करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया है। किस्त जमा नहीं होने पर मामला खुलकर सामने आया। इस पर एसटीएफ ने जांच की। 13 बाइक बरामद की हैं। फर्जी आधार और पेन कार्ड तैयार करने के लिए मोबाइल एप और फोटोशॉप का इस्तेमाल करते थे।
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि फर्जी दस्तावेज लगाकर फाइनेंस कंपनी और बैंक से लोन लेकर दो पहिया वाहन लेने वाले गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी। इस पर एसटीएफ को लगाया गया था। बुधवार रात को शमसाबाद कस्बा में दबिश देकर पुलिस और एसटीएफ ने गिरोह को पकड़ लिया।
पकड़े गए आरोपियों में गिरोह का सरगना मोनू धाकरे सहित सात सदस्य भी शामिल हैं। वहीं दो सदस्य भागने में सफल रहे। मोनू ढाई साल से फर्जीवाड़े में लगा है। आरोपियों से पूछताछ के बाद शमसाबाद और राजाखेड़ा क्षेत्र से 13 बाइक बरामद की गईं।
मनमोहन सिंह धाकरे उर्फ मोनू निवासी चमरौली, ताजगंज।
यह गिरोह का सरगना है। इसका काम आईडीएफसी फस्ट बैंक और टाटा कैपिटल के कर्मचारियों को रिश्वत देकर लोन पास कराना था।
पोपेंद्र उर्फ पोपी निवासी कुमपुरा।
इसका काम लैपटॉप से फर्जी नाम और पते के पैन कार्ड और आधार कार्ड तैयार करना।
अतुल मुद्गगल निवासी मोहल्ला रोहई, शमसाबाद।
लैपटॉप से फर्जी नाम और पते के पेन कार्ड और आधार कार्ड तैयार करना।
राम कन्हैया निवासी गांव कुतकपुर, शमसाबाद।
बैंक से लोन पास कराने का काम करता था।
मोनू सिंह निवासी शमसाबाद थाने के पीछे।
बैंक से लोन का एप्रूवल लेने का काम करता था।