शिन्दे की हुई शिवसेना और चुनाव चिन्ह धनुष बाण, आयोग से उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका

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‘हम नया चिह्न लेकर जाएंगे, फिर यही शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे’, EC के फैसले पर संजय राउत का बयान

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना के भविष्य को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। आयोग ने आदेश दिया कि पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक धनुष-तीर एकनाथ शिंदे गुट को दिया जाएगा। चुनाव आयोग के फैसले के बाद उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी।

फिक्र करने की जरूरत नहीं: राउत
उन्होंने निराशा जताते हुए कहा कि इस सरकार ने करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाया है, वो पानी कहां तक पहुंचा है ये दिख रहा है। हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है। हम नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर एक बार यही शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं है। सब गुलाम बनकर बैठे हैं, ये लोकतंत्र की हत्या है।

केंद्र और भाजपा को घेरा
उद्धव ठाकरे गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि आदेश वही है जिसका हमें अंदेशा था। हम कहते रहे हैं कि हमें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है और कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, तो चुनाव आयोग जल्दबाजी क्यों कर रहा है। इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार और भाजपा के दबाव में यह सब हो रहा है। हम इसकी निंदा करते हैं।

चुनाव आयोग ने फैसले में क्या कहा?
इससे पहले भारत के चुनाव आयोग ने पाया कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे बिगाड़ दिया गया है। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है। इसके बाद चुनाव आयोग शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुना दिया।

उद्धव गुट के लिए फिलहाल यह व्यवस्था
78 पन्नों के अपने आदेश में चुनाव आयोग ने कहा कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े। वहीं, 23.5 फीसदी मत उद्धव ठाकरे धड़े के विधायकों को मिले थे। आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक ‘मशाल’ चुनाव चिह्न रखने की अनुमति दी है।

शिंदे बोले- बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा की जीत
इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फैसले को बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा की जीत बताया। उन्होंने कहा कि मैं निर्वाचन आयोग को धन्यवाद देता हूं। लोकतंत्र में बहुमत का महत्व होता है। यह बालासाहेब की विरासत की जीत है। हमारी शिवसेना वास्तविक है। हमने बालासाहेब के विचारों को ध्यान में रखते हुए ही भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई।