देहरादून। राजधानी देहरादून में सरकारी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करवाकर कुछ लोगों ने एक सरकारी चालक से साढ़े उन्नीस लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। रकम लौटाने के लिए जिस खाते का चेक पीड़ित को दिया गया, वह बैंक खाता आरोपित पूर्व में ही बंद करवा चुके थे। पीड़ित की शिकायत पर प्रेमनगर पुलिस ने दो भाईयों समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात वाहन चालक प्रभुदयाल सिंह रावत निवासी जलागम कॉलोनी कन्डोलिया पौडी गढ़वाल ने प्रेमनगर पुलिस को शिकायत दी है। प्रभुदयाल ने पुलिस को बताया कि सक्षमवीर और दीपक कुमार ने उससे अपनी जमीन बेचने के लिए सम्पर्क किया। दीपक कुमार का बडा भाई आर्यन ने भी अपने भाई दीपक कुमार की ईस्ट होप टाउन लक्ष्मीपुर प्रेमनगर स्थित जमीन बेचने के लिए उससे सम्पर्क करता रहा और उसने उसे जमीन भी दिखाई। आर्यन अपने भाई दीपक कुमार व सक्ष्मवीर को लाया और तहसील विकासनगर में उन तीनो ने दीपक कुंमार के पिता देशपाल की उपस्थिति में 11 लाख 63 हजार रुपए देशपाल के बैंक खाते में चेक के जरिए हस्तान्तरित कराए। जमीन का बैनामा तहसील विकासनगर में कराया गया। रजिस्ट्री जमीन पर पूर्व से गैलरी सहित दो कमरों की फाउंडेशन पड़ी थी।
जिस पर आर्यन, दीपक कुमार एवं देशपाल ने उस पर दबाव बनाते हुए उस पर दो कमरे व गैलरी का काम पूरा कराकर कब्जा देने की बात कही। इसके लिए उससे और रकम मांगी गई, जो उसने अदा कर दी। आरोपितों ने उसे रजिस्ट्री भूमि पर दो कमरे और गैलरी बनाकर उसे कब्जा दे दिया। जब वह उस रजिस्ट्री जमीन पर दाखिल खारिज कराने तहसील विकासनगर गया तो तहसील के कर्मचारीयों ने उसे बताया कि जो जमीन उसे बेची गई है, वह जमीन पूर्व में ही किसी अन्य व्यक्ति को बेच दी गयी थी।
पटवारी से सम्पर्क करने पर पता चला कि उसे बेची गई जमीन सरकारी है। विक्रेताओ ने उसे बिना दाखिल खारिज वाली भूमि दिखाई जिस पर हाईकोर्ट से रोक लगी हुई थी। आर्यन ने रकम लौटाने के लिए फर्जी चेक दिया। बैंक में लगाने पर पता चला कि आरोपित ने अपना खाता पूर्व में ही बन्द करवा दिया था। रकम मांगने पर अब आरोपित उसे धमकी दे रहे हैं। चारों को नामजद कर पुलिस जरूरी कानूनी कार्रवाई कर रही है।