साथ नहीं देने वाले नेताओं का आगामी चुनाव में नही करेंगे समर्थन: बस्तीवासियों का संकल्प

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प्रभावितों की समस्या को लेकर ट्रेड यूनियंस के नेताओं ने की एमडीडीए उपाध्यक्ष से भेंट

देहरादून। बस्तियों में ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के खिलाफ ट्रेड यूनियन का आन्दोलन लगातार जारी है। प्रभावितों की समस्या को लेकर शनिवार को एक प्रतिनिधिमण्डल ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी से मुलाकात कर उन्हें प्रभावितों की समस्या से अवगत कराया। उन्होंने वीसी से अनुरोध किया कि बस्तीवासियों को कागज जमा करने के लिए कुछ और समय दिया जाना चाहिए क्योंकि अभी बड़ी संख्या में प्रभावितों द्वारा सबूत जमा नहीं कराये हैं। प्रतिनिधि मण्डल ने उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि लोगों द्धारा पेश किए जा रहे साक्ष्यों का समुचित परीक्षण करना जरूरी है ताकि किसी भी प्रभावित के साथ अन्याय न हो। प्रतिनिधिमण्डल ने पुर्नवास नीति बनाये जाने तथा प्रभावितों का पुर्नवास करने के एमडीडीए के विचार का स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल में सीपीएम सचिव अनन्त आकाश, सीआईटीयू महामंत्री लेखराज,चेतना आन्दोलन के सहसंयोजक शंकर गोपाल आदि शामिल थे।

शाम को इसी मुद्दे को लेकर बारीघाट, कंडोली, वीर गब्बर सिंह बस्ती, काठ बंगला भाग 1, ढाक पट्टी, हैप्पी एंकलेव, काठ बंगला भाग 2 तरला नागल के लोगों की एक सभा का आयोजन काठ बंगला पुल पर किया गया जिसमें बड़ी संख्या में बस्ती वासियों ने भाग लिया। सभा में उपस्थित सैकड़ों बस्तीवासियों ने इकट्ठे हो कर संकल्प लिया कि जो नेता बेघर होने के समय में उनका साथ नहीं दे रहे हैं, वह भी आगामी चुनाव में उनका समर्थन नहीं करेंगे। सभा में आए लोगों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि एक तरफ प्रधानमन्त्री करोड़ों बेघर लोगों को घर देने का वादा कर रहे हैं, वहीं यहां पर पाई पाई जोड़कर बिना सरकारी सहायता के घर बनाने वाले गरीब मजदूरों को उजाड़ने का काम उनकी सरकार द्वारा किया जा रहा है। उनको न घर मिल रहा है और न मालिकाना हक़ मिल रहा है।

कंडोली से आई किरण ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर अतिक्रमण और नदी का सवाल है तो सिर्फ बस्ती वालों को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है जबकि काठबंगला के सुमननगर में प्रभावशाली लोगों की डेयरी एवं फार्म हाउस बने हुए हैं। जिनके खिलाफ सभी विभाग खामोश हैं इसके साथ ही कैनाल रोड पर बड़े बड़े फ्लैट, होटल और अन्य बिल्डिंग दिखती है जो बीच नदी में बनी है। सरकार कौन सा चश्मा पहनी है जिसमें उनको यह सब दिखाई नहीं देता उस चश्में से उजाड़ने के लिए सिर्फ गरीब मजदूर दिखते हैं?

सभा को सीटू के जिला महामन्त्री लेखराज और चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, एडवोकेट देवेश उनियाल ने भी सम्बोधित किया। ज्ञात रहे कि एडवोकेट देवेश उनियाल बस्ती के कई लोगों को निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करा रहे हैं। इस आन्दोलन में सबसे मुखर चेतना आन्दोलन के शंकर गोपाल, सीटू महामंत्री लेखराज ने बताया कि सभी मजदूर संगठन इस बेघर करने का अभियान का लगातार विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को भारत निमार्ण में सहयोग करने वाले श्रमिकों का शौषण तुरंत बंद करते हुए वर्ष 2016 से रोकी गई मालिकाना हक़ देने की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए राहत प्रदान करनी चाहिए।