भूटाणू, किरोली ,मैजणी ग्राम पंचायत को घोषणा के 15 साल बाद भी नहीं मिली पक्की सड़क
गोविंद शर्मा
त्यूनी। आज भले ही देश डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहा है, पर आज भी देश में ऐसे कई दुर्गम क्षेत्र हैं जो विकास की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ऐसे ही हम बात कर रहे हैं राजधानी देहरादून के पड़ोसी जिले की पुरोला विधानसभा अंतर्गत पहाड़ी से सटे बंगाण क्षेत्र के भूटाणू, किरोली,मैजणी ग्राम पंचायत की जो कि 4000 से ज्यादा आबादी वाला क्षेत्र हैं। आज भी यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है। हर तरफ से निराश ग्रामीणों ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री से सड़क को बनाने का निवेदन किया है।
2007 तक इन तीनों पंचायतों मे सड़क का नामों निशान नहीं हुआ करता था। लेकिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए दिनेश रावत के नाम से इस दूरस्थ क्षेत्र को उत्तराखण्ड के तत्कालीन मुख्यामंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की घोषणा पर ग्रामवासियों को कच्ची सड़क तो मिल गई लेकिन उनके बाद की सरकारें शहीद को भूल गई। सड़क बनने के 15 साल बाद भी गांव में आज तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधि विकास के तो बड़े बड़े दावे करते हैं। उत्तराखण्ड राज्य को बने 21 साल पूरे होने जा रहे है लेकिन आज तक कितना विकास हुआ है इसका अंदाजा आप इन तस्वीरों को देखकर लगा सकते है। सड़क के डामरीकरण को लेकर ग्रामवासियों ने 12 मार्च को धरना प्रदर्शन भी किया था जिसको स्थानीय प्रशासन द्वारा शीघ्र सड़क बनाने का आश्वासन देने पर ग्रामवासियों ने धरना स्थगित कर दिया था। लेकिन प्रशासन ने भी ग्रामवासियों की मांग को अनदेखा कर दिया।
इस समय बंगाण क्षेत्र में सेब का सीजन चालू है लेकिन सड़क कि दुर्दशा इतनी खराब है कि कोई भी चालक अपनी गाड़ी उस रोड में लेने को तैयार नहीं है। जिससे कहीं ना कहीं स्थानीय जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर कोई चालक अपनी गाड़ी ले भी आता है तो तो यह कहना बड़ा ही मुश्किल होता है की गाड़ी सही सलामत पहुंच पाएगी या नहीं। शहीद दिनेश मोटर मार्ग की बदहाल स्थिति को देखकर स्थानीय जनता का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव का हम पूरी तरह बहिष्कार करेंगे और अपने क्षेत्र में किसी भी जनप्रतिनिधि को वोट नहीं देंगे। स्थानीय जनता ने इसकी शिकायत पूर्व मुख्यमंत्रियों त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं तीरथ सिंह रावत को भी अवगत कराया गया लेकिन अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।