निर्वाचन आयोग ने की पंचायत चुनाव की घोषणा, देखें पूरा चुनावी कार्यक्रम

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30 जून को जिला निर्वाचन अधिकारियों की ओर से अधिसूचना जारी की जाएगी

देहरादून। प्रदेश के 12 जिलों में पंचायत चुनाव कराए जाने संबंधित अधिसूचना जारी हो गई है. उत्तराखंड शासन की ओर से चुनावी कार्यक्रम की अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने भी चुनावी अधिसूचना जारी कर दी है. जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रदेश में दो चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे. 30 जून को जिला निर्वाचन अधिकारियों की ओर से अधिसूचना जारी की जाएगी. पहले चरण के तहत मतदान 24 जुलाई और दूसरे चरण के तहत मतदान 28 जुलाई को कराया जाएगा. साथ ही 31 जुलाई को एक साथ मतगणना होगी।

पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान: राज्य निर्वाचन की ओर से 21 जून को जारी अधिसूचना के बाद से ही प्रदेश भर में आदर्श आचार संहिता लागू है. हालांकि नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के कार्यक्रमों को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया था. ऐसे में अब राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के नए चुनावी कार्यक्रम को जारी कर दिया है. इसके तहत 89 विकासखंडों और 7,499 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराए जाएंगे. प्रदेश के 12 जिलों में 66,418 पदों पर चुनाव होने हैं. इसमें से सदस्य ग्राम पंचायत के 55,587 पदों, प्रधान ग्राम पंचायत के 7499 पदों, सदस्य क्षेत्र पंचायत के 2974 पदों और सदस्य जिला पंचायत के 358 पदों पर चुनाव होने हैं. हरिद्वार जिला छोड़ प्रदेश के कुल 66,418 पदों पर चुनाव होना है, जिसके लिए प्रदेश भर में कुल 8,276 मतदान केंद्र जबकि 10,529 मतदान स्थल बनाए गए हैं।

47 लाख से ज्यादा मतदाता डालेंगे वोट: प्रदेश के 12 जिलों में मतदाताओं की संख्या 4,777,072 है. इसमें 2,465,702 पुरुष मतदाता और 2,310,996 महिला मतदाता के साथ ही 374 अन्य मतदाता शमिल हैं. साल 2019 के मुकाबले साल 2025 में मतदाताओं की संख्या में करीब 10.57 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. यानी कुल 456,793 मतदाता बढ़े हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर, पदों के अनुसार मत पत्रों का रंग भी तय किया गया है. इसके तहत ग्राम पंचायत सदस्य के लिए सफेद रंग का मतपत्र, प्रधान के लिए हरा रंग का मतपत्र होगा. क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए नीला रंग का मतपत्र होगा और जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र होगा।

नैनीताल/ देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने चुनाव पर लगी रोक हटा दी है। हालांकि चुनावी कार्यक्रम एक बार फिर जारी होगा। माना जा रहा है कि चुनावी कार्यक्रम तीन से चार दिन आगे बढ़ाए जा सकते हैं। ऐसे में अगले एक से दो दिन में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

1 हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण रोस्टर निर्धारण के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ में शुक्रवार को भी हुई। आज हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने चुनाव पर लगी रोक हटा दी है और चुनाव आयोग से पूर्व में जारी चुनाव कार्यक्रम को तीन दिन आगे बढ़ाते हुए चुनाव कार्यक्रम जारी करने को कहा है।

साथ ही सरकार को याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाये गए मुद्दों पर तीन हफ्ते के भीतर जबाव देने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी प्रत्याशी को इसमे आपत्ति है तो वह कोर्ट में अपना पक्ष रख सकता है। आज हुई सुनवाई में ब्लॉक प्रमुख सीटों का आरक्षण निर्धारित करने व जिला पंचायत अध्यक्ष सीटों का आरक्षण निर्धारित न करने पर भी गम्भीर सवाल उठाए गए । कोर्ट को बताया गया कि ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव एक ही तरह से होता है।

एक याची ने कोर्ट को बताया कि देहरादून के डोईवाला ब्लॉक में ग्राम प्रधानों के 63 फीसदी सीटें आरक्षित की गई हैं । शुक्रवार को मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खण्डपीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से आरक्षण रोस्टर में कई सीटों के लंबे समय से एक ही वर्ग को प्रतिनिधित्व मिलने का उल्लेख करते हुए इसे संविधान के अनुच्छेद 243 व सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय समय पर दिए आदेशों के खिलाफ बताया।

महाधिवक्ता व मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखते हुए बताया कि पिछड़ा वर्ग समर्पित आयोग की रिपोर्ट के बाद आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित करना व वर्तमान पंचायत चुनाव को प्रथम चरण माना जाना आवश्यक था। राज्य निर्वाचन आयोग अब फिर से नया चुनाव कार्यक्रम जारी करेगा।