नई दिल्ली। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर देर शाम वोटिंग पूरी हो गई है। इस चुनाव में लगभग 61 परसेंट मतदान हुआ है यह आंकड़ा थोड़ा बहुत घट बढ़ भी सकता है। वोटों की गिनती 8 अक्टूबर मंगलबार को होगी। उससे पहले एग्जिट पोल और उसके आधार पर पोल ऑफ पोल्स में हरियाणा में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनती दिख रही है। वहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 46 सीट है।
पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक, हरियाणा के 12 सर्वे में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। पार्टी को 50 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान है। भाजपा बहुमत से काफी दूर 27 सीटों पर सिमट सकती है।
हरियाणा के मतदाताओं से विभिन्न एजेसियों के प्रतिनिधियों ने बातचीत की। इस बातचीत से समझ आया कि हरियाणा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनेगी और वह अपने बलबूते 50 से अधिक सीटें लाकर सरकार बनाती दिख रही है।


एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल में फर्क
ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल चुनावी सर्वे है। ओपिनियन पोल को चुनाव से पहले किया जाता है। इसके नतीजे भी चुनाव से पहले जारी होते हैं। इसमें सभी लोगों को शामिल किया जाता है। मतलब जरूरी नहीं कि सर्वे के सवालों का जवाब देने वाला मतदाता ही हो। इस सर्वे में अलग-अलग मुद्दों के आधार पर जनता के मूड का अनुमान लगाया जाता है।
एग्जिट पोल चुनाव के दौरान किया जाता है। इसके नतीजे सभी फेज के मतदान खत्म होने के बाद जारी किए जाते हैं। एग्जिट पोल एजेंसियों के अधिकारी वोटिंग के दिन मतदान केंद्रों पर मौजूद होते हैं। वे मतदान करने के बाद वोटर्स से चुनाव से जुड़े सवाल पूछते हैं। वोटर्स के जवाब के आधार पर रिपोर्ट बनाई जाती है। रिपोर्ट का आकलन किया जाता है, जिससे पता चले कि वोटर्स का रुझान किस तरफ ज्यादा है। इसके बाद नतीजों का अनुमान लगाया जाता है।
2019 में जाट वोट बैंक बंटा, कांग्रेस को 17 सीटों का फायदा हुआ हरियाणा में 22.2% जाट वोटर्स हैं। राज्य की 90 में से 40 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर इनका प्रभाव है। 2014 के विधानसभा चुनाव में जाटों ने बड़ी संख्या में भाजपा को वोट दिया था। इसके कारण भाजपा ने 47 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया और कांग्रेस 10 साल की सत्ता से बाहर हो गई।
हालांकि 2019 में जाट भाजपा के खिलाफ हो गए। इसका असर रिजल्ट पर देखने को मिला। भाजपा 47 से 40 सीटों पर आ गई। JJP और 7 निर्दलीय विधायकों के साथ भाजपा ने सरकार बनाई। कांग्रेस को 17 सीटों का फायदा हुआ। पार्टी ने 2014 में 15 सीटें जीती थीं। 2019 में यह आंकड़ा 31 हो गया था।


हरियाणा में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनावों के पैटर्न को देखें तो छोटी पार्टियां और निर्दलीय सरकार बनाने में अहम रोल अदा करती है।
ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) से गठबंधन किया है। दूसरा क्षेत्रीय दल दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) है। दुष्यंत ने चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (ASP) से गठजोड़ किया है। आम आदमी पार्टी (AAP) पहली बार सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।