देहरादून। राजधानी देहरादून के खलंगा में रिजर्व फॉरेस्ट की वन भूमि के अंदर निजी व्यक्ति द्वारा बिना अनुमति गेट एवं तारबाड़ करने हेतु लगभग 20 पेड़ काटने के आरोप में ऋषिकेश निवासी अशोक अग्रवाल के खिलाफ वन अपराध दर्ज किया गया है।
मसूरी रेंज के DFO अमित कुंवर ने प्रेस रिलीज़ के माध्यम से पूरे प्रकरण की जानकारी साझा करते हुए बताया कि सोशल मीडिया पर खंलगा क्षेत्र को लेकर एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा था, जिसमें निजि व्यक्ति द्वारा गेट निर्माण एवं फॅन्सिग निर्माण कार्य कराया जा रहा था। जिसका तुरन्त संज्ञान लेते हुए रायपुर रेंज की टीम द्वारा मौके पर पुर्वाहन में निर्माण कार्य रूकवा दिया गया और बिना सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त ना होने के कारण प्रयोग हो रहे औजारों को जब्त कर दिया गया। आज दिनांक 14-06-2025 को प्रभागीय वनाधिकारी, मसूरी वन प्रभाग द्वारा उक्त क्षेत्र का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान मौके पर खंलगा विकास समिति के सदस्य एवं अन्य पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहें जिनके द्वारा वास्तुस्थिति से अवगत कराया गया। मौके पर राजस्व विभाग के प्रतिनिधि एवं रायपुर रेंज के स्टॉफ उपस्थित रहें। वन विभाग एवं राजस्व विभाग के मानचित्रों का अध्ययन करने पर ज्ञात हुआ कि आरक्षित वन की सीमाओं के भीतर एक खसरा न0 204 है, जो गैर आरक्षित वन चक भूमि के रूप में विद्यमान है जहाँ मौके पर साल का जंगल मौजूद है। निजि व्यक्ति द्वारा गेट निर्माण एवं फेंसिंग कार्य उक्त खसरे के भीतर किया जा रहा था, परन्तु मौके पर उक्त खसरे की सीमायें स्पष्ट नही हुई जिसके क्रम में खसरे की सीमाओं को मौके पर स्पष्ट करने हेतु विस्तृत सर्वे किये जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी देहरादून को पत्र प्रेषित कर दिया गया है। मौके पर किये गये गेट निर्माण एवं फेंसिंग की सक्षम स्तर से अनुमति ना होने के दृष्टिगत उसे हटा दिया गया। उक्त क्षेत्र में पेडों की क्षति का आंकलन करने हेतु कॉम्बिंग टीम का गठन किया गया था, जिसमें खलंगा विकास समिति के प्रतिनिधि भी नामित किये गये थे। कॉम्बिंग टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्र का मौका मुवायना कर रिपॉट प्रस्तुत की गई जिसमें विभिन्न प्रजातियों के 0-10 व्यास वर्ग के 20 वृक्षों एवं 10-20 व्यास वर्ग के 02 वृक्षों के कुल 22 वृक्षों को क्षति पहुंचाये जाने का उल्लेख किया गया। इसी क्रम में उक्त वृक्षों को क्षति पहुंचाये जाने हेतु अशोक अग्रवाल, निवासी ऋषिकेश के विरूद्व वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 की धाराओं के तहत वन अपराध दर्ज कर लिया गया है। इसके अतिरिक्ति उक्त क्षेत्र में प्रभावित हुई वन संम्पदा के रिसोटोरेसन हेतु सम्बन्धित व्यक्ति को निर्देशित किया गया है। खलंगा क्षेत्र में ऐसी घटनाओं की पुर्नावृत्ती ना हो उसके लिए गश्त करने हेतु विशेष टीम का भी गठन किया गया है।
(अमित कंवर)
प्रभागीय वनाधिकारी,
मसूरी वन प्रभाग, मसूरी
डीएफओ और राजस्व टीम ने किया स्थलीय निरीक्षण
देहरादून। राजधानी देहरादून के खलंगा वन क्षेत्र के हल्दुआम में पर्यावरण प्रेमियों और नागरिक संगठनों का आक्रोश एक बार फिर “खलंगा बचाओ आंदोलन” की याद दिला गया। आक्रोशित लोगों ने जमकर नारेबाजी की।
इस बार मुद्दा था रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में लगभग 40 बीघा भूमि पर ऋषिकेश निवासी अशोक अग्रवाल द्वारा कैंपिंग साइट तैयार करने का प्रयास। यहां लोहे के गेट, एंगल, तारबाड़ निर्माण और पेड़ों के संभावित कटान को लेकर स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिली।
उच्च अधिकारियों के निर्देश पर डीएफओ अमित कंवर रेंज अधिकारियों और राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वहां अभिलेखों का अध्ययन किया गया। प्रारंभिक जांच में मामला संदिग्ध पाया गया।
गौरतलब है कि पहले भी इसी क्षेत्र में प्रस्तावित सोंग बांध परियोजना के लिए 2 हजार से अधिक पेड़ों के कटान का विरोध हो चुका है। अब पुनः पर्यावरण प्रेमियों द्वारा इस भूमि के संदिग्ध स्वामित्व को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। उनका कहना है कि जब चारों ओर रिजर्व फॉरेस्ट है तो बीच की भूमि निजी कैसे हो सकती है।
सिटीजन फॉर ग्रीन दून, संयुक्त नागरिक संगठन, बलभद्र खालंगा विकास समिति समेत कई जागरूक संगठनों की मांग पर अधिकारियों ने इसे “गंभीर जांच का विषय” बताते हुए विस्तृत जांच कराने का निर्णय लिया।
नागरिकों ने इस मौके पर देहरादून में भू-माफिया से अधिग्रहित 900 बीघा भूमि की सरकारी कार्रवाई की सराहना करते हुए मांग की कि खलंगा प्रकरण की भी तह तक जांच होनी चाहिए।
इस विरोध में शामिल प्रमुख जागरूक नागरिकों में जया सिंह, ईरा चौहान, आशीष गर्ग, अवधेश शर्मा, प्रद्युमन सिंह, पंकज उनियाल, परमजीत सिंह कक्कड़, कैप्टन वाई बी थापा, कैप्टन विक्रम सिंह थापा, मनीषा रतूड़ी, दीपशिखा रावत, वाई एस नेगी, मनीष मित्तल, मेजर एम.एस. रावत, परमेंद्र सिंह बर्थवाल, एस एस गोसाई, रविंद्र सिंह गोसाई, सागर नौटियाल, रोशन सिंह, यशवीर आर्य, नीरा रावत, अंकित रोथाण, श्रद्धा चौहान, युद्धवीर गोसाई, इंद्रेश नौटियाल, आभा भटनागर, मनीष, महेश असवाल, जनसंवाद और अन्य शामिल रहे।