राहत एवं शिक्षा सामग्री लेकर मकडेती गांव में आपदा पीड़ितों के बीच पहुंचे समाजसेवी

17

 

मकडेती गांव में बच्चों को शिक्षा सामग्री, कपड़े, महिलाओं को घरेलू सामान वितरित

प्रभावित परिवारों ने जताया आभार, कहा – संकट की घड़ी में मिला बड़ा सहारा

देहरादून। राजधानी देहरादून में राजपुर क्षेत्र के मकडेती गांव में शनिवार को समाजसेवियों का कारवां पहुँचा। इस दौरान उनके द्वारा बच्चों को शिक्षा सामग्री और यूनिफॉर्म, जबकि महिलाओं को गैस सिलेंडर, चूल्हे, खाना बनाने एवं खाने के बर्तन वितरित किए गए। राहत पाकर प्रभावित परिवारों के लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे।

बच्चों की मुस्कान बनी सबसे बड़ी जीत
राहत सामग्री वितरण की शुरुआत बच्चों को स्कूल बैग, किताबें, नोटबुक, पेन- पेंसिल रेजर, शॉपनर, और यूनिफॉर्म बाँटकर की गई। नई ड्रेस और पूरी शिक्षा सामग्री देखते ही बच्चों के चेहरे चमक उठे। ग्रामीणों ने कहा कि इस सहयोग से बच्चों का मनोबल बढ़ा है और उनकी पढ़ाई फिर से सुचारू रूप से चल सकेगी।

महिलाओं को मिली बड़ी राहत
आपदा के बाद से घरेलू जरूरतों को पूरा करना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई थी। ऐसे में समाजसेवियों ने महिलाओं को रसोई गैस के छोटे सिलेंडर, स्टील के बर्तन और प्रेशर कुकर आदि बर्तन उपलब्ध कराए। प्रभावित परिवारों ने इसे जीवन को सुचारू करने वाली बड़ी मदद बताया।

सहयोगियों के प्रति आभार
गांव के लोगों ने मुक्त कंठ से समाजसेवियों की सराहना की। प्रभावितों का कहना था कि इस कठिन समय में मिला यह सहयोग उन्हें मजबूती से खड़ा होने का हौसला दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्य ने मानवीय संवेदना और सामाजिक एकजुटता का नया उदाहरण प्रस्तुत किया है।

समाजसेवियों का योगदान
इस पुनीत कार्य में प्रमुख सहयोग श्री सौरव उनियाल, श्री राघव दीवान, श्री विशाल मौर्य, श्रीमती मंजू जैन और मोहम्मद नाजिम अली का रहा। सभी ने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी हरसंभव सहायता जारी रहेगी और कोई भी परिवार खुद को अकेला महसूस नहीं करे।

मौके पर रहे ये लोग
राहत वितरण कार्यक्रम में केरवान करनपुर ग्राम पंचायत प्रधान राजेश रमोला, पूर्व प्रधान समीर पुंडीर, दीपक मखलोगा, अनुराग मित्तल, शुभम समेत अनेक स्थानीय लोग मौजूद रहे।

क्या बाँटा गया?
शिक्षा सामग्री, यूनिफॉर्म, गैस सिलेंडर, बर्तन, प्रेशर कुकर

किसको लाभ?
बच्चों और प्रभावित परिवारों की महिलाओं को

किसने दिया सहयोग?
सौरव उनियाल, राघव दीवान, विशाल मौर्य, मंजू जैन, मोहम्मद नाजिम अली द्वारा किए गए सहयोग से इस पुनीत कार्य को अंजाम दिया गया।