Dehradun: फर्जी काग़ज़ बनाकर बेच दी सरकारी जमीन, मुकदमें दर्ज

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देहरादून। सरकारी जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें ठिकाने लगाने के दो और मामले सामने आए हैं। जिसमें राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर मिलीभगत का संदेह जताते हुए प्रेमनगर थाने में दो अलग अलग मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। दोनों की मामलों में पुलिस छानबीन कर रही है।

पहले मामले मे सहायक महानिरीक्षक निबंधन अरुण प्रताप सिंह ने शिकायत देते हुए बताया कि विशेष जांच दल को मिली ग्राम झाझरा विकासनगर की शिकायतों की छानबीन के दौरान यह पता चला कि ग्राम झाझरा, तहसील विकास नगर देहरादून की खतौनी में बलविन्दर जीत निवासी इन्द्रानगर देहरादून का नाम अंकित है। बलविन्दर जीत को वास्तविक स्थिति की जानकारी होते हुए भी उसने 2004 में विक्रय विलेख से भूमि इंडियन सोसायटी फॉर हयूमैन वैलफेयर नामक संस्था को बेच दी। उसने 60 वर्गमीटर भूमि होते हुए भी 1.9770 हैक्टेयर भूमि विनिमय व विक्रय की। खातेदार बलविन्दर जीत ने विनिमय कर्ताओं और भूमि क्रेताओं के साथ इस प्रकार धोखाधड़ी की और कूटरचित विक्रय विलेख पत्र के जरिए क्रेता इंडियन सोसायटी फॉर हयूमैन वेलफेयर के साथ धोखाधड़ी की।

ग्राम झाझरा के भूमि में से उत्तराखंड सरकार, वन विभाग, नदी टोंस, जंगल झाड़ी, बंजर श्रेणी में भी भूमि अवस्थित है। जिसके कारण जो सरकारी भूमियां है, उन भूमियों को विनिमय में दूसरे व्यक्तियों को दे दी गई और इसी तरह सरकारी भूमि को क्रेताओं को दे दी गई। राजस्व प्राधिकारियों के स्तर पर इन मामलों में भूमि के विनिमय और उनके राजस्व अभिलेखों में समय से चढ़ाने के सम्बन्ध में अपराधिक लापरवाही हुई है। भूमि विनिमय और विक्रय के बाद भी जो क्षेत्रीय लेखपाल एवं पटवारी व अन्य उच्च स्तरीय अधिकारी रहे है उनके द्वारा इन तथ्यों को कभी देखा नहीं गया और ना ही कब्जे को हटाने के लिए कोई कार्रवाई की गई।

दूसरे मामले में सन्दीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन ने शिकायत देते हुए पुलिस को बताया कि गोल्डन फोरेस्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड व उसकी सहायक कम्पनियों की भूमि राज्य सरकार में निहित होने सम्बन्धी कार्यवाही 21 अगस्त 1997 को तत्कालीन परगनाधिकारी देहरादून द्वारा एक आदेश पारित कर की गई थी। आरोपित संजय कुमार ने राज्य सरकार की भूमि मैसर्स आकांक्षा कन्स्ट्रक्शन कम्पनी को विक्रय की और इस प्रकार लोक सम्पत्ति को क्षति पहुंचाई। राज्य सरकार की भूमि को अनाधिकृत रुप से नष्ट करने की नियत से मैसर्स आकांक्षा कन्स्ट्रक्शन कम्पनी को विक्रय किया गया। दोनों ही मामलों में प्रेमनगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है।