Dehradun: जमीन धोखाधड़ी के तीन मुकदमे दर्ज, सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ खेल

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देहरादून। राजधानी देहरादून में बढ़ती जमीनी धोखाधड़ी के मामलों में अब सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आने लगी लगी है। जालसाज अब सरकारी जमीन भी निपटाने लगे हैं। सरकारी जमीन बेचने के तीन अलग-अलग मामले प्रेमनगर थाने मे दर्ज किए गए हैं। एक मामले में सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। पुलिस मामलों की जांच कर रही है।

नामित अधिकारी-स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग एवं सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून सन्दीप श्रीवास्तव ने प्रेमनगर पुलिस को दी शिकायत में बताया कि गोल्डन फोरेस्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड व उसकी सहायक कम्पनियों की भूमि 21 अगस्त 1997 को तत्कालीन परगनाधिकारी देहरादून द्वारा राज्य सरकार में निहित करने की कार्यवाही की गई थी। आरोपित ध्यान सिंह निवासी ग्राम मोतीपुर ने ईस्ट होप टाउन स्थित उनकी भूमि अंसक्रमणीय भूमिधर के रुप थी। उसे क्रेता मैसर्स एकाया एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड चंडीगढ़ एक्सटेंशन तहसील डेरावसी जिला पटियाला पंजाव द्वारा प्रतिनिधि कर्नल मनजीत सिंह निवासी डेराबसी जिला पटियाला पंजाब को विक्रय किया गया। जो भूमि राज्य सरकार में निहित हो गई थी उसका मैसर्स एकाया एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से संजय कुमार द्वारा मैसर्स आकांक्षा कन्स्ट्रक्शन कम्पनी को उनका प्रतिनिधि वनकर विक्रय किया गया, जबकि वे मैसर्स एकाया एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के कभी भी प्रतिनिधि नामित नहीं हुए। संजय कुमार ने मैसर्स आकांक्षा कन्स्ट्रक्शन कम्पनी के संचालकों के साथ कूटरचना कर राज्य सरकार की भूमि हड़पने की नियत से कार्यवाही की गई।

दूसरे मामले में प्रेमनगर पुलिस को शिकायत दी कि गोल्डन फोरेस्ट इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड व उसकी सहायक कम्पनियों की भूमि 21 अगस्त 1997 को तत्कालीन परगनाधिकारी देहरादून द्वारा राज्य सरकार में निहित करने की कार्यवाही की गई थी। मैसर्स गोमन मार्केटिंग इंडिया लिमिटेड ने ईस्ट होप टाउन विकासनगर देहरादून स्थित भूमि को विक्रय पत्र द्वारा क्रेता मैसर्स आकांक्षा कन्स्ट्रक्शन कम्पनी को विक्रय किया गया। संजय कुमार, जिन्हें मैसर्स गोमन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्राधिकृत करना दिखाया गया है, वह भी कूटरचित प्राधिकारी है। संजय कुमार को मैसर्स गोमन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्राधिकृत नहीं किया गया है। उनके द्वारा जो भूमि ग्राम ईस्ट होप टाउन में मैसर्स गोमन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड की थी ही नहीं उसे मैसर्स आकांक्षा कन्स्ट्रक्शन कम्पनी को विक्रय कर धोखाधड़ी की गई।

तीसरे मामले में नामित अधिकारी स्टाम्प एवं निबंधन विभाग व सहायक महानिरीक्षक निबंधन, हरिद्वार अरुण प्रताप सिंह ने प्रेमनगर पुलिस को शिकायत देकर बताया कि विशेष जांच दल को प्राप्त ग्राम झाझरा तहसील विकासनगर देहरादून की शिकायतों की छानवीन के दौरान यह प्रकट हुआ है कि वन भूमि ग्राम झाझरा की खतौनी में देहरादून के नाम संक्रमणीय भूमिधर के रुप में ग्राम रोड झाझरा है। अमरजीत निवासी मोहनी रोड देहरादून जो इस भूमि के संक्रमणीय भूमिधर है, उन्होंने फरवरी 2002 में तीन अलग-अलग व्यक्तियों से उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 के तहत भूमि को बेचा। उन्होंने ऐसा तीन मामलों में किया। अमरजीत निवासी मोहनी रोड देहरादून ने इन तीनों विनियम के मामलों से जितनी भूमि उनके पास उपलब्ध थी, उससे अधिक भूमि का विनियम किया और इसे उप जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृत भी किया गया, जो नहीं होना चाहिए था। भूमि विनियम और विक्रय पत्र के बाद भी जो क्षेत्रीय लेखपाल एवं पटवारी व अन्य उच्च स्तरीय अधिकारी रहे हैं उनके द्वारा इन तथ्यों को कभी देखा नहीं गया और यह भी नहीं देखा गया कि जो भूमि उत्तराखंड सरकार की है वह विभिन्न व्यक्तियों द्वारा कब्जा कर ली गयी है और इस कब्जे को हटाया जाना है। छानवीन से ऐसा प्रतीत होता है कि तत्कालीन एसडीएमए न्यायालय के कर्मचारी और तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपाल एवं पटवारी भी इस घोखाधड़ी में अमरजीत के साथ शामिल रहे हैं। तीनो मामलों में मुकदमा दर्ज कर पुलिस छानवीन कर रही है।