RBI ने पांच बैंकों पर लगाया छह महीने का प्रतिबन्ध, जमा निकासी के साथ ही नहीं दे सकेंगे कर्ज

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा एक्शन लिया है। बताया जा रहा है कि बिगड़ती वित्‍तीय स्थिति को देखते हुए 5 बैंकों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। आरबीआई ने अपने बयान में कहा है कि इन को-ऑपरेटिव बैंकों पर लगाए गए प्रतिबंध (RBI Restrictions On Banks) छह महीनों तक प्रभावी रहेंगे।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इन दिनों किसी भी तरह के नियमों के उल्लंघन को लेकर बैंकों पर काफी सख्त नजर रखा रहा है। आरबीआई ने 24 फरवरी 2023 से कमजोर वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए 5 सहकारी बैंकों पर व्यावसायिक प्रतिबंध लगा दिया है। आरबीआई ने कहा कि केंद्रीय बैंक की पूर्व स्वीकृति के बिना ताजा जमा स्वीकार नहीं कर सकते हैं या किसी भी तरह का कर्ज (Loan) नहीं दे सकते हैं। आरबीआई ने इनमें से 3 बैंकों पर आंशिक जमा निकासी प्रतिबंध और अन्य दो पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।

RBI का कहना है कि, बैंक के पात्र जमाकर्ता 5 लाख रुपये तक की जमा बीमा राशि प्राप्त करने के हकदार होगे। आरबीआई के निर्देशों के मुद्दे को आरबीआई द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। ये बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कामकाज को जारी रख सकते है। इससे पहले आरबीआई ने देश के कमजोर सहकारी बैंकों पर कार्रवाई करते हुए उनके बैंकों के परमिट तक रद्द कर दिए हैं।

जिन पांच बैंकों पर भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया, उनमें HCBL सहकारी बैंक लखनऊ (यूपी), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित औरंगाबाद (महाराष्ट्र), शिमशा सहकारी बैंक नियमिथा मद्दुर, (कर्नाटक) उरावकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक, उरावकोंडा, (आंध्र प्रदेश) और शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक, अकलुज (महाराष्ट्र) शामिल है. HCBL सहकारी बैंक लखनऊ (यूपी), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित औरंगाबाद (महाराष्ट्र), और शिमशा सहकारा बैंक नियमिथा मद्दुर, (कर्नाटक) के ग्राहक वर्तमान लिक्विडिटी की कमी के कारण अपने अकाउंट से पैसा नहीं निकाल सकेंगे।