अस्तित्व टाइम्स
देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू होने के बाद से विभिन्न संगठनों एवं राजनीतिक दलों द्वारा विरोध जारी है। अभी तक उत्तराखंड क्रांति दल, शिव प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ ही कई अन्य संगठन अलग अलग मुद्दों पर विरोध दर्ज करा चुके हैं।
रविवार नौ फरवरी 2025 को उत्तराखंड में लागू समान नागरिकता कानून के विरोध में विभिन्न मुस्लिम संगठनों द्वारा जिला अधिकारी देहरादून के माध्यम से एक विरोध पत्र माननीय मुख्यमंत्री, उत्तराखंड सरकार को प्रेषित किया गया जोकि प्रत्यूष सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट, देहरादून के द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय, देहरादून में विरोध कर्ताओं से वार्ता करने के पश्चात मुख्यमंत्री को भेजने के लिए ग्रहण किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में मुख्यतः देहरादून के मुस्लिम समाज के अतिरिक्त मुस्लिम तंजीमों ने हिस्सा लिया। जिसमें उत्तराखंड नुमाइंदा ग्रुप के याकूब सिद्दीकी, तंजीम रहनुमाए मिल्लत के लताफत हुसैन, एडवोकेट रज़िया बैग, गुलफाम अली राष्ट्रीय सचिव, समाजवादी पार्टी व खुर्शीद अहमद सिद्दीकी, सचिव उत्तराखंड जमीअत उलेमा हिंद के अतिरिक्त लगभग सत्तर विरोध कर्ताओं ने भाग लिया।
इस दौरान वक्ताओं का कहना था कि उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता नागरिकों के संविधान में प्रदत अधिकारों के विपरीत एक थोपा हुआ कानून है जोकि सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ सरकार की राजनीतिक कुचेष्टा है और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन करता है। इसलिए इस कानून का विरोध स्वाभाविक है और सरकार से अपेक्षा है कि इस क़ानून पर अतिशीघ्र पुनः विचार कर नागरिकों के हितों के लिए इस काले कानून को समाप्त करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करेंगे।