खालिद मालिक
एक तरफ तो सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर पौधारोपण करवा रही है तथा पर्यावरण सुरक्षा के लिए वन विभाग विभिन्न योजनाएं चला रहा है । वहीं विभागीय अधिकारी व स्थानीय पुलिस लकड़ी ठेकेदारों से सांठगांठ कर हरे भरे एवं फलदार पेड़ों पर कुल्हाड़ा चलवा रहे हैं। इससे जहां विभाग को राजस्व का चूना लगाया जा रहा है वहीं पर्यावरण के लिए भी संकट उत्पन्न हो रहा है।
गौरतलब है कि क्षेत्र में वनकर्मियों की लापरवाही के चलते जहां वनों का दोहन धड़ल्ले से चल रहा है क्षेत्र में हरे-भरे एवं फलदार पेड़ों पर खुलेआम कुल्हाड़ा चल रहा है। कुछ लकड़ी ठेकेदार वनकर्मियों व पुलिस से सांठगाठ कर ठेकेदारों द्वारा सैकड़ों हरे-भरे पेड़ों को काट लिया जाता है।
शुक्रवार को भी खेड़ा अफगान अंबेहटा मार्ग पर ग्राम चापरचिड़ी उर्फ़ दौलतपुर में एक बाग में आम के पेड़ों पर कुल्हाड़ा चलाया गया। यह खेल अंबेहटा पुलिस चौकी से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर खेला जा रहा है स्थानीय पुलिस व वन विभाग आंखें बंद किए हुए बैठा है। क्षेत्र में अधिक संख्या में आम के बाग होने के कारण फलदार पेड़ों का कटान होने से फलपट्टी का अस्तित्व भी खतरे में है।