उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों की तैयारी के बीच शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव की दावेदारी में जुटे जिन ग्राम प्रधानों, बीडीसी मेंबर, वार्ड सभासद, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत संदस्य पर सरकारी बकायादारी है वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों की तैयारी के बीच शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव की दावेदारी में जुटे जिन ग्राम प्रधानों, बीडीसी मेंबर, वार्ड सभासद, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत संदस्य पर सरकारी बकाएदारी है वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अगर वे चुनाव लड़ना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें जल्द से जल्द बकाये धनराशि का भुगतान कर देना चाहिए। चुनाव में बकायेदारी बाधा बन सकती है। बिना एनओसी के पर्चा खारिज हो जाएगा।
पंचायतीराज विभाग द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पंचायतों के पुर्नगठन का काम 22 दिसम्बर से 31 दिसम्बर के बीच चलेगा। इसके बाद एक जनवरी से 20 जनवरी तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। राज्य स्तर पर पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया 21 जनवरी से 30 जनवरी के बीच पूरी की जाएगी और फिर जिला स्तर पर आरक्षण एक फरवरी से 21 फरवरी के बीच पूरा किया जाएगा। इस कार्यक्रम के आधार पर पंचायतीराज विभाग ने एक प्रस्तुतीकरण तैयार किया है। यह प्रस्तुतीकरण शुक्रवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष विभागीय अधिकारियों को प्रस्तुत करना था। विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पर इस प्रस्तुतीकरण को लेकर गये थे। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी भी मौजूद थे। मगर मुख्यमंत्री की अन्य बैठकों में व्यस्तता के चलते यह प्रस्तुतीकरण नहीं हो सका। अब यह प्रस्तुतीकरण मुख्यमंत्री के समक्ष निकट भविष्य में पेश किया जाएगा।