देहरादून। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गणेश गोदियाल ने आज राजीव भवन (कांग्रेस भवन), देहरादून में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष के रूप में औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण कर लिया। हज़ारों उत्साहित कार्यकर्ताओं के स्नेहपूर्ण स्वागत के बीच आयोजित इस समारोह ने कांग्रेस की एकजुटता का अनुपम दृश्य पेश किया।

समारोह से पूर्व जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर गोदियाल का भव्य स्वागत हुआ। एयरपोर्ट से राजीव भवन तक का सफर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जयकारों से गूंजता रहा। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही सैकड़ों की संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं के गगन भेदी नारों से एयरपोर्ट गूंज उठा।कार्यकर्ताओं ने गोदियाल को फूलों की मालाओं से लाद दिया। गोदियाल सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ जौली ग्रांट हवाई अड्डे से चल कर भानियावाला, डोईवाला, मियांवाला होते हुए रिसपना पुल हरिद्वार रोड से होते हुए घंटाघर और फिर कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन दो बजकर दस मिनट पर पहुंचे जहां सुबह से ही कार्यकर्ताओं का हुजूम नए अध्यक्ष व अन्य पार्टी नेताओं की इंतजार कर रहे थे। गोदियाल के साथ डॉ. हरक सिंह रावत का भी जोरदार स्वागत किया गया, जो चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के रूप में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह दृश्य न केवल पार्टी की आंतरिक एकता को रेखांकित करता है, बल्कि 2027 विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के पुनरुद्धार का संकेत भी देता है।

पदभार ग्रहण समारोह केवल औपचारिकता नहीं बल्कि कांग्रेस के लिए नई ऊर्जा, नए संकल्प और 2027 की चुनावी लड़ाई का शंखनाद साबित हुआ। इस मौके पर वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा पर तीखे हमले बोले, वहीं नव नियुक्त पदाधिकारियों ने एकजुटता और संघर्ष के संदेश से कार्यकर्ताओं में नया उत्साह भरा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड कांग्रेस को नई दिशा देने वाली अनुभवी टीम तैयार की है। उन्होंने भाजपा पर प्रदेश को विभाजित करने की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि “भाजपा कभी कुमाऊं—गढ़वाल, तो कभी मैदानी—पहाड़ी और ठाकुर—ब्राह्मण के नाम पर समाज को बाँटने का काम कर रही है। मगर कांग्रेस का हर कार्यकर्ता इस ट्रैप में नहीं फँसेगा।”


रावत ने नई टीम—प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, कैंपेन कमेटी अध्यक्ष प्रीतम सिंह, चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष डॉ. हरक सिंह रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी—को भाजपा के “कौरवों” के सामने 2027 में विजयी होने वाली “पाँच पांडवों” की संज्ञा दी।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, “नेतृत्व बदल सकता है, मगर कांग्रेस का लक्ष्य नहीं। हमारा उद्देश्य जनता का विश्वास जीतना और हर नागरिक के हक़ में खड़ा रहना है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे संगठन को मजबूती देने के लिए एक साथ खड़े हों।
चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ. हरक सिंह रावत ने भाजपा की ‘तोड़ो उत्तराखंड’ नीति पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस इसका जवाब ‘जोड़ो उत्तराखंड’ से देगी। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को नेतृत्व पर भरोसा रखकर टीम के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।

कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि संगठन में आए बदलाव केवल चेहरों का परिवर्तन नहीं, बल्कि परिपक्व सोच, नई दिशा और सामूहिक ऊर्जा का प्रतीक हैं। उन्होंने 27 जिलों के नवनियुक्त अध्यक्षों सहित सभी पदाधिकारियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा, “अब वक्त आलोचना का नहीं, योगदान का है—व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा का नहीं, सामूहिक विजय का है।”
निवर्तमान अध्यक्ष और सीडब्ल्यूसी के विशेष आमंत्रित सदस्य करन माहरा ने कहा कि उत्तराखंड की जनता भाजपा के झूठे नारों और भ्रष्टाचार से त्रस्त है और 2027 में प्रदेश कांग्रेस की पारदर्शी नीतियों पर भरोसा जताएगी।

नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने जोश और दृढ़ता से भरे संबोधन में कहा:
“हम उस कांग्रेस की परंपरा को आगे बढ़ाने आए हैं, जिसने देश को जोड़ा और समाज को सशक्त किया। नव नेतृत्व में हम सब एकजुट होकर संगठन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएँगे। हमारा रास्ता कठिन हो सकता है, पर हमारा इरादा अडिग है।”
गोदियाल ने कहा कि
“अब समय भाषणों का नहीं—संघर्ष का है।
हवा के भरोसे राजनीति नहीं चलती; हमें तूफ़ान बनकर आगे बढ़ना है।
अगर सरकार हमसे छीनी गई है, तो हम उसे दोगुनी ताक़त से वापस लाएँगे।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि अन्याय, अहंकार और झूठ से है—और इस लड़ाई में जीतकर ही लौटेंगे।
उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया—“जहाँ कार्यकर्ता खड़ा हो जाए, वहाँ हार का सवाल ही नहीं उठता। आज से यह संघर्ष केवल मेरा नहीं, हम सबका है। और जब हम साथ खड़े हों, तो कोई शक्ति हमें रोक नहीं सकती।”
समारोह में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के मीडिया सलाहकार गुरदीप सिंह सप्पल, सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा, राष्ट्रीय सचिव मनोज यादव, काजी निजामुद्दीन, उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, कांग्रेस के सभी विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रदेश महामंत्री महेन्द्र प्रताप सिंह नेगी गुरू जी, प्रदेश सचिव रमेश कुमार मंगू, पूर्व प्रदेश सचिव हाजी सुलेमान अंसारी, छावनी परिषद लंढौर मसूरी के पूर्व उपाध्यक्ष महेश चन्द्र, वरिष्ठ नेता अजय डोभाल विनीत, यूथ कांग्रेस नेता एवं पार्षद सुमेंद्र सुशांत बोहरा, पूर्व जिला उपाध्यक्ष अजय उनियाल, सौरव उनियाल, सभी नवनियुक्त जिला अध्यक्ष तथा भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह नियुक्ति 2027 चुनावों से एक वर्ष पूर्व की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें गढ़वाल कार्ड खेला गया है। कांग्रेस के इस उत्साह से साफ है कि पार्टी अब आक्रामक रुख अपनाने को तैयार है। गोदियाल के नेतृत्व में पदयात्राएं, जनसंपर्क अभियान और मुद्दों पर आंदोलन तेज होंगे। कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह नया नेतृत्व उत्तराखंड को स्थिरता, जवाबदेही और संवेदनशील शासन की ओर ले जाएगा।
कुल मिलाकर, कांग्रेस ने 2027 के चुनाव से पहले स्पष्ट संकेत दे दिया है— नई टीम तैयार है, संघर्ष का बिगुल बज चुका है, और संगठन एकजुट होकर मैदान में उतर चुका है।









