तबरेज़ अंसारी लिंचिंग मामले में कोर्ट ने आरोपियों को सुनाई दस साल की सजा, जुर्माना भी लगाया

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नई दिल्ली। वर्ष 2019 में घटित तबरेज अंसारी लिंचिंग केस में सभी दोषियों को 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है. झारखंड की सरायकेला कोर्ट ने सभी दोषियों को IPC की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत ये सजा सुनाई है. साल 2019 में तबरेज अंसारी को कुछ लोगों ने खंभे से बांध कर पीटा था. इसके बाद तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी. इस मामले में 27 जून को कोर्ट ने 10 आरोपियों को दोषी करार दिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने सभी दोषियों पर 15 हजार का जुर्माना भी लगाया है. तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में जिन 10 लोगों को दोषीकरार दिया गया है, उनके नाम प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल, भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली और महेश महाली हैं। इस मामले में 13 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. हालांकि, एक आरोपी कौशल महाली की केस की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में पहले ही बरी कर दिया गया था।

तबरेज अंसारी के साथ क्या हुआ था?
झारखंड के सरायकेला पुलिस थाने के तहत धातकीडीह गांव में 17 जून, 2019 को चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. अंसारी पुणे में मजदूरी का काम करता था और वह ईद मनाने झारखंड अपने घर आया हुआ था. पिटाई के बाद गांव वालों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया था. इलाज के दौरान तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी। तबरेज की मौत के बाद इस मामले में उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन ने कई लोगों के खिलाफ सरायकेला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पत्नी ने कहा था कि जमशेदपुर से खरसावां आते समय धातकीडीह गांव में तबरेज अंसारी को रोक कर बिजली के खंभे से बांधा गया था. उसके साथ कई लोगों ने मारपीट की. दूसरे दिन पुलिस तबरेज को थाना ले गई और जेल भेज दिया. 22 जून, 2019 को जेल में तबरेज की तबीयत खराब हुई और फिर अस्पताल में मौत हो गई।