देहरादून। नैनीताल जिले के रामनगर में वनकर्मी के बेटे ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फंदे से लटकते देख आननफानन में स्वजन उसे उपचार के लिए चिकित्सालय लेकर पहुंचे, मगर वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रानीखेत रोड लोक निर्माण विभाग कार्यशाला के समीप रहने वाले भगत सिंह राणा तराई पश्चिमी वन प्रभाग के पतरामपुर रेंज मेंं रेंजर के चालक के पद पर तैनात हैं। शनिवार को घर में उनका पुत्र 21 वर्षीय अर्जुन राणा व उसकी नानी व दादी थीं। दोपहर बाद अर्जुन ने अपने कमरे के भीतर से दरवाजा बंद कर लिया। काफी देर तक जब वह कमरे से बाहर नहीं आया। इस पर स्वजन उसे बुलाने उसके कमरे तक गए। मगर कोई आवाज नहीं सुनकर दरवाजा खटखटाया तो बंद था। काफी देर बाद भी दरवाजा न खुलने पर रोशनदान से स्वजनों ने हाथ डालकर दरवाजे की कुंडी खोली तो नजारा देखकर उनकी चीखें निकल गईं। अर्जुन फंदे से लटका हुआ था। चीखें सुनकर पड़ोसी भी पहुंच गए। आननफानन में उसे नीचे उतारा और उसे लेकर संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे। परीक्षण के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूचना पर चिकित्सालय पहुंचे कोतवाली के एसआई नीरज चौहान ने स्वजनों से घटना की जानकारी ली। बेटे द्वारा उठाए गए आत्मघामी कदम की जानकारी मिलने पर पिता भी पतरामपुर रेंज से चिकित्सालय पहुंच गए। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में सामने आया है कि मृतक युवक नशे का आदि था। वह नशा करने लगा था। माना जा रहा है कि नशे में उसने आत्मघाती कदम उठाया है। हालांकि जांच में युवक की मौत की जो भी वजह सामने आएगी। उसी के तहत कार्रवाई की जाएगी।