देहरादून। क्लेमेन्टाउन के प्रकृति विहार स्थित नशा मुक्ति केंंद्र में एक लड़की से दुष्कर्म व अन्य से छेड़छाड़ मामले के आरोपी केंद्र संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नशा मुक्ति केन्द्र की डायरेक्टर को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
बता दें कि इस नशा मुक्ति केंद्र में 4 बालिग लड़कियों का नशे का इलाज चल रहा था। यह चारों लड़कियां शाम के समय कैम्प से भाग गयी थी। जिसकी सूचना कैम्प की संचालिका विभा सिंह द्वारा थाने पर दी गयी। पुलिस ने इन चारों को 24 घंटे के अंदर बरामद कर लिया था। इन लड़कियों ने बताया कि प्रकृति विहार क्लेमेन्टाउन में नशा मुक्ति केन्द्र को चलाने वाले विघादत्त रतूड़ी द्वारा उनके साथ छेड़छाड़ व मारपीट की जाती थी। एक लडकी द्वारा यह भी आरोप लगाया गया था कि विघा दत्त रतूड़ी द्वारा उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
संचालिका विभा सिंह से शिकायत करने पर इन्ही लड़कियों के साथ मारपीट करना व विघा दत्त रतूड़ी का साथ देना बताया गया। इन लड़कियों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने थाना क्लेमेनटाउन में केन्द्र की संचालिका विभा सिंह व विघादत्त के खिलाफ केस दर्ज किया और मुख्य संचालिका विभा सिंह को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया।
केन्द्र के संचालक विघादत्त रतूड़ी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया था। पुलिस ने आरोपी विघा दत्त रतूड़ी पुत्र हर्षमणि रतूड़ी निवासी पौड़ी गढ़वाल को होटल रूद्राक्ष ऋषिकेश रोड श्यामपुर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी विघादत्त ने पूछताछ में बताया कि मेरे पिता एयरफोर्स में कर्मचारी थे तो मैं उनके साथ कानपुर रहता था। वहां से ही मुझे शराब पीने की लत लग गई थी। मैं शराब पीने का आदी हो गया था तथा मेरा टिहरी में में भी एक महिला के साथ संबंध रहा था। जिसके चलते में वर्ष 2017 में टिहरी से जेल भी गया हूं। फिर मेरे परिवार वालों ने परेशान होकर मुझे वर्ष 2018 में नशा मुक्ति केंद्र एसजी फाउंडेशन सरस्वती विहार देहरादून में भर्ती कराया था। जहां पर अपने नशे के इलाज के दौरान ही मैंने उसी नशा मुक्ति केंद्र में स्टाफ के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। वहां पर करीब 3 साल तक मैंने स्टाफ में काम किया। वहीं विभा सिंह भी शराब पीने की लत के कारण उसी केंद्र में भर्ती हुई थी जिससे मेरी अच्छी जान पहचान हो गई थी। वहीं पर मैंने और विभा ने मिलकर अपने नशा मुक्ति केंद्र खोलने का प्लान बनाया था।
इसी वर्ष 2021 में माह फरवरी में प्रकृति विहार क्लेमेंटाउन में नशा मुक्ति केंद्र खोला था जहां पर भर्ती लड़कियां 5 अगस्त को को भाग गई थी। उनके भागने पर मुझे पहले से ही डर था कि कहीं मेरे द्वारा इनके साथ किए गए गलत कार्य के बारे में किसी को न बता दें। जब मुझे यह पता लगा कि उन लड़कियों को पुलिस ने बरामद कर लिया है तो मैंने अपने फोन से अपने दोनों सिम निकाल दिए तथा अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वहां से फरार हो गया था।