लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर के दौरान उपजी स्वास्थ्य बदहाली के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पार्टी के भीतर सवाल उठने लगे हैं।
अब अभी हाल ही में संघ सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के लखनऊ दौरे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अचानक राज्यपाल से मुलाकात ने प्रदेश में सियासी हलचल पैदा कर दी है। जिसके बाद सूबे में किसी बड़े बदलाव की आशंका जताई जा रही है। हालांकि यह तो किसी आधिकारिक घोषणा के बाद ही साफ़ होगा कि, क्या बदलाव होगा लेकिन चर्चाओं का बाजार गर्म है।
पार्टी के अंदर से कहीं न कहीं सीएम योगी से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी की खबरें सामने आने लगी हैं। प्रतापगढ़ से पूर्व विधायक और भाजपा नेता ब्रजेश सौरभ ने सोशल मीडिया में एक सन्देश लिखते हुए एमएलसी ए.के शर्मा को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की है।
उन्होंने लिखा कि, रिटायर्ड आईएएस ए.के शर्मा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफी करीबी हैं और गुजरात प्रदेश से जुड़े मामलों में उनसे राय ली जाती थी। अब उन्हें उत्तर प्रदेश की कमान सौंप कर जनमानस का खोया हुआ भरोसा दोबारा जीता जा सकता है। इससे साफ़ है कि, सीएम योगी को लेकर पार्टी के अंदर भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अब देखना होगा कि प्रदेश की राजनीती को लेकर शीर्ष नेतृत्व का क्या निर्णय होता है ?