तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन को 28 जनवरी की शाम से नई ऊर्जा मिल गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाद अब हरियाणा के किसान भी लामबंद हो गए हैं। हरियाणा से किसानों का भारी हुजूम दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहा है। मामले की गंभीरता को समझते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य के 17 जिलों में 30 जनवरी की शाम 5:00 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। इन जिलों में गुरुवार शाम से ही किसानों की बैठक शुरू हो गई थी।
किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ फिर दिल्ली की तैयारी में जुटे हैं। जींद, रोहतक, कैथल, हिसार, भिवानी और सोनीपत आदि जिलों में प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए है। किसी अनहोनी को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर स्वयं किसानों की मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों से लगातार जानकारी ले रहे हैं।
किसानों का कहना है कि किसान नेताओं के खिलाफ सरकार के कदम से आंदोलन कमजोर नहीं होगा। गाजियाबाद प्रशासन ने आंदोलनकारी किसानों को गुरुवार की मध्य रात्रि तक उत्तर प्रदेश गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया था। दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ ‘लुकआउट नोटिस जारी किया है। हरियाणा के किसान नेताओं ने दावा किया कि जींद, रोहतक, कैथल, हिसार, भिवानी और सोनीपत से किसानों की भारी संख्या प्रदर्शन स्थल टीकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेगे।
यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन स्थल पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत गुरुवार की शाम मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गये थे। राकेश टिकैत ने कहा कि नये कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करके सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। एक आंदोलनकारी किसान ने शुक्रवार को रोहतक के एक टोल प्लाजा के निकट कहा, ‘हम एक किसान नेता के साथ ऐसा बर्ताव सहन नहीं कर सकते। हम सभी एकजुट हैं और हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती।’
जींद के कंडेला में किसानों ने गुरुवार की रात जींद-चंडीगढ़ रोड को कई घंटे के लिए जाम कर दिया था। प्रदर्शनकारी किसान यूपी गेट खाली करने संबंधी किसानों को दिये गये अल्टीमेटम का विरोध कर रहे थे। बड़े खाप नेता आजाद सिंह पालवा ने जींद में पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा, यह प्रचार किया जा रहा है कि किसानों का आंदोलन कमजोर हुआ है। हकीकत में ऐसा नहीं है। हम किसान नेताओं को जारी किये गये लुकआउट नोटिस की निंदा करते हैं। सरकार को एक विरोध स्थल खाली करने के लिए अल्टीमेटम देने की भी निंदा करते हैं। हम सरकार को चेतावनी देना चाहते हैं कि इस तरह के कदम से आंदोलन कमजोर नहीं होगा। बल्कि, सरकार की दमनकारी नीति से किसान आंदोलन और मजबूत होगा।
हरियाणा में भारी संख्या में किसानों को आंदोलन से जोड़ने के लिए हर गांव में लोगों से चंदा इकट्ठा किया जायेगा। करनाल में स्थानीय किसानों ने गुरुवार को बस्तारा टोल प्लाजा पर अपना ‘धरना फिर शुरू कर दिया था। हालांकि शुक्रवार को टोल प्लाजा पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर प्रदर्शन स्थल को फिर से खाली करा लिया गया है। प्लाजा पर सामान्य कामकाज शुरू हो गया है। इस बीच हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें उन्होंने अपने समर्थकों से दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने की अपील की। भारी संख्या में किसान 30 जनवरी को हरियाणा के सभी टोल प्लाजा पर धरना देंगे।