दिल्ली में हिंसा के बाद किसानों ने रोकी ट्रैक्‍टर परेड, किसान नेताओं ने मांगी माफ़ी

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नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को ट्रैक्‍टर परेड निकाले जाने के दौरान किसानों और सुरक्षाबलों के बीच दिनभर चले गतिरोध के बाद किसान नेताओं ने तत्‍काल प्रभाव से किसान गणतंत्र परेड को बंद करने का फैसला लिया और दिल्ली से लौटने की अपील की। किसान आंदोलन का नेतृत्‍व कर रहे संयुक्‍त किसान मोर्चे ने सभी किसानों से कहा कि परेड को तुरंत बंद कर दिया गया है और सभी वापस धरना स्‍थलों पर लौट जाएं।

सभी बड़े किसान नेताओं द्वारा लिए गए फैसले के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने शाम 7.30 एक बयान जारी किया, जिसमें उसकी तरफ से किसान गणतंत्र दिवस परेड को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. सभी प्रतिभागियों से तुरंत अपने धरना स्थलों पर वापस लौटने की अपील की जाती है. संयुक्‍त किसान मोर्चे की तरफ से अपने बयान में कहा गया कि आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं, लेकिन हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा और खेद करते हैं, जो आज घटित हुई हैं और ऐसे कृत्यों में लिप्त होने वाले लोगों से खुद को अलग करते हैं।

40 किसान संगठनों के इस मोर्चे ने कहा कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ संगठनों और व्यक्तियों ने मार्ग का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्यों में लिप्त रहे. असामाजिक तत्वों ने अन्यथा शांतिपूर्ण आंदोलन में घुसपैठ की थी. हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा।

इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि किसान आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा और आगे के कदमों पर चर्चा के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।

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