मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा में अब तक नहीं बन पाई सहमति, नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण कल

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देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बावजूद भाजपा विधायक दल के नेता को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। एक सप्ताह से भी अधिक समय बीतने के बावजूद सीएम चेहरे पर कोई फैसला सामने आया है। कई नाम सीएम रेस में चल रहें है। ऐसे में अब सीएम फेस को लेकर बीजेपी में दो गुट बन गए है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सतपाल महाराज पुष्कर सिंह धामी के पक्ष में हैं। जबकि गढ़वाल के तमाम दूसरे नेता जीते हुए विधायक को मुख्यमंत्री बनाने के फेवर में हैं। जबकि दिल्ली में एक ग्रुप किसी ब्राह्मण चेहरे को ही मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी कर रहा है। सीएम कौन होगा इसका फैसला तो बाद में ही आएगा। लेकिन नवनिर्वाचित विधायकों को कल सुबह शपथ दिलाई जाएगी।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार 21 मार्च को राज्यभवन में राज्यपाल गुरमीत सिंह बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाएंगे। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ लेने के बाद बंशीधर भगत करीब 11 बजे विधानसभा पहुंचेंगे, जहां नवनिर्वाचित सभी सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इसके लिए विधानसभा और सचिवालय में तैयारियां शुरू कर दी गई है। चर्चा है कि भाजपा के विधायक मंडल दल की बैठक होने से पहले ही सभी विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 24 मार्च को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। लिहाजा एक प्रक्रिया के तहत कल 11 बजे विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। इसके बाद शाम को विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई है। बैठक में सीएम चेहरे पर फैसला हो जाएगा।

गौरतलब है कि बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम आज शाम उत्तराखंड पहुंचे और कल सुबह तक केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी पहुंच जाएंगी। सीएम के चेहरे पर तभी फैसला होगा। भाजपा में सीएम की रेस में कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी सहित सांसद अनिल बलूनी, पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट आदि का नाम चल रहा है। निर्वतमान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी मुख्यमंत्री के रूप में अपनी दावेदारी शीर्ष हाईकमान के सामने रखी है। अब ऐसे में नया मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर संशय बना हुआ है। जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता दिल्ली दरबार पर नजर बनाए हुए हैं।

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