कांग्रेस प्रदेश कोषाध्यक्ष की मुख्यमंत्री से मुलाका़त, राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म

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सतपाल धानिया
देहरादून। कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष व सहसपुर विधानसभा से प्रत्याशी रहे आर्येन्द्र शर्मा की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट ने राजनीति क़ो गरमा दिया है। क्षेत्र में यह मुलाकात चर्चा क़ा विषय बनी हुई है। लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर तो यह चर्चा चल गई है कि यदि सहदेव सिंह पुंडीर क़ा टिकट कटा तो कहीं भाजपा आर्येन्द्र शर्मा क़ो ही प्रत्याशी ना बना दे। क्योंकि पार्टी व संघ के सर्वे में विधायक सहदेव पुंडीर से क्षेत्र की जनता बड़े पैमाने पर नाराज सामने आई है। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आर्येन्द्र शर्मा की मुलाकात ने माहौल क़ो और ज्यादा गरमा दिया है।

सूत्रो से मिली खबर के अनुसार पार्टी हाईकमान इस बार सहसपुर विधानसभा में प्रत्याशी बदलने के मूड में है और आर्येन्द्र शर्मा एक ऐसे दमदार प्रत्याशी हैं जो कांग्रेस हो य़ा भाजपा दोनों दलो के टिकट पर जीत दर्ज करने का माद्दा रखता है। आर्येन्द्र शर्मा क़ा सहसपुर विधानसभा में ठीकठाक व्यक्तिगत जनाधार है।

2017 के विधानसभा चुनाव में आर्येन्द्र शर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़कर अपनी ताकत का एहसास कराया था और उन्होंने 22 हजार से अधिक मत प्राप्त किए थे, जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी, तो वही आर्येन्द्र शर्मा के पास सहसपुर विधानसभा में एक मजबूत कार्यकर्ताओ की अपनी बहुत बड़ी फौज भी है। जो किसी के भी समीकरण क़ो बिगाड़ने क़ा माद्दा रखती है।

2017 के विधानसभा चुनाव में स्थानीय दावेदारों व हरीश रावत की आर्येन्द्र शर्मा से नाराजगी की वजह से उन्हें पार्टी के टिकट से महरूम रहना पड़ा था और किशोर उपाध्यय क़ो सहसपुर विधानसभा से कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किया गया था।

किशोर उपाध्याय क़ो सहसपुर विधानसभा से चुनाव लड़ाना एक तरह से किशोर उपाध्याय की राजनैतिक हत्या के तौर पर भी देखा गया था, हुआ भी ऐसा ही है। किशोर के सहसपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने के बाद उनका राजनैतिक कैरियर बहुत हद तक प्रभावित भी हुआ।

आर्येन्द्र शर्मा क़ा टिकट कटने से कांग्रेस को सहसपुर विधानसभा में तो हार का मुंह देखना ही पड़ा, तो वहीं उसका असर आसपास की अन्य विधानसभाओं पर भी पड़ा। उसमें विकासनगर विधानसभा व धर्मपुर विधानसभा सीट पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा। यह दोनों सीट भी कांग्रेस हार गई।

हालांकि एक बार फ़िर आर्येन्द्र शर्मा की वापसी कांग्रेस में हुई है और उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कई अहम पदों से नवाजा गया है, उन्हें आश्वासन भी दिया गया है कि टिकट उन्हीं का होगा। लेकिन अचानक ही मुख्यमंत्री से मुलाकात ने कई तरह की चर्चाएं उत्पन्न कर दी है।

वहीं जब इस मुलाकात के संबंध में कांग्रेस नेता आर्येन्द्र शर्मा से बात की गई तो उनका कहना है कि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात क्षेत्र की कई अहम समस्याओ क़ो लेकर की गई है। जिन समस्याओं पर भाजपा विधायक सहदेव पुंडीर ध्यान नही दे रहे। उन समस्याओ के निराकरण में वह पूर्णतः विफल रहें है।

आर्येन्द्र शर्मा ने कहा कि, विधानसभा की सबसे बड़ी समस्या कूड़ा निस्तारण केंद्र है। जिसके दुष्प्रभाव से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं और क्षेत्र में गंभीर व जानलेवा बीमारियां कूड़ा निस्तारण की वजह से उत्पन्न हो रही है। लोगो का सांस लेना भी दूभर हो गया है।

कूड़ा घर से उत्पन्न हो रही समस्याओ को लेकर आर्येन्द्र शर्मा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कूड़ा निस्तारण केंद्र अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग की है।

सहसपुर विधानसभा के चंद्रबनी, डूंगा चौक से नूनियास तक ग्राम पंचायत अटक फार्म, दुधई, आर्केडिया ग्रांट व शुक्लापूर में सड़क निर्माण, ग्राम पंचायत कांसवाली कोठडी, कण्डोली, बिधोली, भाऊवाला में क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों क़ो ठीक कराने और पेयजल की समस्याओ को दूर करने,

नगर पंचायत सेलाकुई में विकास कार्यो के लिए अतिरिक्त धन मुहैया कराने के साथ ही नगर में एक अस्पताल बनाने, ग्राम पंचायत रामपुर कला के लिए स्वीकृत किए गए पशुपालन केंद्र क़ो निरस्त करने

औधोगिक इकाइयों में स्थानीय युवाओ क़ो रोजगार देने के साथ क्षेत्र के शिक्षा संस्थानो में स्थानीय छात्र-छात्राओं क़ो 50 प्रतिशत छुट देने की मांग क़ो लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की है।

आर्येन्द्र शर्मा ने बताया कि, मुख्यमंत्री ने जल्द ही इन सभी समस्याओ के निस्तारण का आश्वासन उन्हें दिया है।