कैबिनेट मंत्री का भाजपा से हुआ मोह भंग, आधा दर्जन विधायकों ने भी छोडी पार्टी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। योगी सरकार में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा को छोड़कर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल हुए हैं।

भाजपा से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य का सपा में स्वागत किया। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ उनके समर्थक भी सपा में शामिल हो गये हैं।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को प्रेषित किये गए अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।’

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।’

उनके इस्तीफे के बाद कईं अन्य भाजपा विधायकों ने भी भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कहते हुए इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में रायबरेली से भाजपा विधायक प्रदीप तिवारी, बंदायू की बिल्सी सीट से विधायक राधा कृष्ण शर्मा, संतकबीर नगर से विधायक नारायण चौबे, प्रयागराज से शशांक त्रिपाठी, विधायक रोशन लाल वर्मा। कानपुर के बिल्होर से विधायक भगवती सागर, बांदा के तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति ने भी भाजपा से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। विश्वस्त सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि 16 जनवरी को दो कैबिनेट मंत्रियों सहित एक दर्जन से अधिक और विधायक भाजपा छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश से भाजपा के तीन सांसद भी भारतीय जनता पार्टी को टाटा बाय बाय कहने के मूड में साफ नजर आ रहे हैं।