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देहरादून। भाजपा कांग्रेस निकाय चुनाव के लिए जहां अधिकांश नगर पालिका में नगर पंचायत की सूची जारी कर चुके हैं। बाकी बची सीटों के साथ ही अब मेयर एवं पार्षदों के टिकट पर भी गहन मंथन हो रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा में धर्मपुर विधानसभा से दो, मसूरी में एक, रायपुर विधानसभा से एक एवं राजपुर विधानसभा में भी दो पार्षदों के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है।
धरमपुर के एक निवर्तमान पार्षद जो लोकसभा लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे उनका टिकट खतरे में पड़ता दिख रहा है। हालांकि वह भाजपा में शामिल ही टिकट का आश्वासन मिलने पर हुए थे।
वही धर्मपुर विधानसभा के ही एक और पार्षद का टिकट भी इसलिए खतरे में दिखाई दे रहा है कि उनके प्रतिद्वंद्वी उनपर उनके पिछले कार्यकाल के दौरान सरकारी भूमि पर कब्जे करने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि उनको टिकट दिये जाने की स्थिति में विपक्षी पार्टी इसको मुद्दा बना सकती है।
ऐसे ही कांग्रेस में भी रायपुर विधानसभा के दो निवर्तमान पार्षद टिकट की लड़ाई में पिछड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक वार्ड के पार्षद का उनके क्षेत्रवासी एवं पार्टी कार्यकर्ता खुलेआम विरोध कर रहे हैं। उनका खुलेआम कहना है कि यदि पार्टी ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया तो परिणाम पार्टी के खिलाफ जाएगा। एक और पार्षद का टिकट इसलिए खटाई में दिख रहा है की एक नेताजी अपने समर्थक को उनके वार्ड से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
ऐसे ही मसूरी विधानसभा में भी कांग्रेस के दो पार्षदों के टिकट पर संकट दिखाई दे रहा है। सूत्र बताते हैं कि वहां के एक कद्दावर नेता उनके खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं। इन पार्षदों पर आरोप है कि उन्होंने उनके चुनाव के दौरान सक्रिय रहकर काम नहीं किया। अब देखने वाली बात यह होगी कि यदि इनकी पार्टियां इन निवर्तमान पार्षदों का टिकट काटती है तो इस स्थिति में यह महाशय क्या कदम उठाते हैं।









