देहरादून। हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के सभी 12 जिलों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव इस बार कई महत्वपूर्ण बदलावों और तकनीकी नवाचारों के साथ कराए जा रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और जन सुलभ बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने इन बदलावों की जानकारी दी। आइए जानते हैं इस बार के पंचायत चुनाव में क्या-क्या बदला है और जनता को क्या-क्या सुविधाएं मिलने जा रही हैं।
चुनाव परिणाम पहली बार ऑनलाइन होंगे जारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने पहली बार पंचायत चुनाव के नतीजे ऑनलाइन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। जैसे ही ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत या जिला पंचायत के परिणाम घोषित होंगे, वे आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://sec.uk.gov.in पर रियल टाइम अपडेट होंगे। इससे मतदाता घर बैठे परिणाम देख सकेंगे और पारदर्शिता में इजाफा होगा।
वोटर लिस्ट भी ऑनलाइन, नाम सर्च की सुविधा
इस बार मतदाता सूची भी ऑनलाइन जारी कर दी गई है। मतदाता https://secresult.uk.gov.in/votersearch/searchvotermapping पर जाकर अपनी पंचायत की वोटर लिस्ट देख और डाउनलोड कर सकते हैं।यहां नाम सर्च करने की सुविधा भी दी गई है, जिससे उम्मीदवार और मतदाता दोनों आसानी से अपने नाम की पुष्टि कर सकें।
चुनावी खर्च की सीमा बढ़ी, निगरानी और सख्त
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए खर्च सीमा में बढ़ोतरी की है, जिससे प्रचार कार्य में सहूलियत मिलेगी। साथ ही खर्च पर निगरानी पहले से ज्यादा सख्त कर दी गई है। हर जिले में विशेष पर्यवेक्षक अधिकारी तैनात किए जाएंगे, जो कभी भी प्रत्याशी से खर्च का ब्योरा मांग सकते हैं।
पद पहले की सीमा अब की सीमा
ग्राम प्रधान ₹50,000 ₹75,000
ग्राम पंचायत सदस्य ₹10,000 ₹10,000
बीडीसी सदस्य ₹50,000 ₹75,000
जिला पंचायत सदस्य ₹1,40,000 ₹2,00,000
उपप्रधान ₹15,000 ₹15,000
कनिष्ठ उपप्रमुख ₹50,000 ₹75,000
ज्येष्ठ उपप्रमुख ₹60,000 ₹1,00,000
प्रमुख (क्षेत्र पंचायत) ₹1,40,000 ₹2,00,000
उपाध्यक्ष (जिला पंचायत) ₹2,50,000 ₹3,00,000
अध्यक्ष (जिला पंचायत) ₹2,50,000 ₹3,00,000
ड्यूटी में पारदर्शिता पर खास फोकस
ड्यूटी आवंटन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए इस बार रैंडमाइजेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा है। इसके तहत सभी चुनाव कार्मिकों की तैनाती कंप्यूटर सिस्टम द्वारा स्वतः की जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार की सिफारिश या पक्षपात की संभावना समाप्त हो जाएगी।
95,909 अधिकारी-कर्मचारी होंगे तैनात
इस बार चुनाव प्रक्रिया में निम्नलिखित अधिकारी-कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे:
पीठासीन अधिकारी – 11,849
मतदान अधिकारी – 47,910
सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट, नोडल अधिकारी, प्रभारी अधिकारी – 450
सुरक्षाकर्मी – 35,700
मतदान कर्मियों की सुरक्षा: 10 लाख का मुआवजा
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। यदि किसी मतदानकर्मी की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिजनों को ₹10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। इस संबंध में आयोग के सचिव राहुल गोयल ने बताया कि शासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
चुनाव की तिथियां घोषित: दो चरणों में होगा मतदान
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे:
पहला चरण – 24 जुलाई 2025
दूसरा चरण – 28 जुलाई 2025
मतगणना – 31 जुलाई 2025 को एक साथ होगी, इसके बाद परिणामों की औपचारिक घोषणा की जाएगी।