यूपी जनसंख्या विधेयक 2021 का ड्राफ्ट तैयार, शीघ्र हो सकता है लागू

367

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बढती जनसंख्या पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एक ड्र्फ्ट तैयार किया है। ड्राफ्ट में तैयार मसौदे के मुताबिक दो संतानों से अधिक होने पर परिवार को कईं सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जायेगा। जबकि एक संतान वाले परिवार को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे।

दो अधिक संतान तो ये ह होंगी कटौतियां
सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं

राशन कॉर्ड में चार से अधिक सदस्य नहीं

स्थानीय निकाय, पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे

सरकारी नौकरियों में मौका नहीं

एक बच्चे वालों को ज्यादा फायदा
इसके अलावा जिनके पास केवल एक बच्चा है और वो अपने मन से नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें अतिरिक्त फायदा दिया जाएगा. इसके तहत उन्हें मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और बीमा कवरेज मिलेगा, जब तक कि वो 20 साल का नहीं हो जाता. आईआईएम और एम्स सहित सभी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में एक बच्चे को वरीयता दी जाएगी. स्नातक स्तर तक निःशुल्क शिक्षा, बालिकाओं के मामले में उच्चतर शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति और सरकारी नौकरियों में वरीयता दी जायेगी।

छुट्टी और इंक्रीमेंट भी
दो बच्चे के मानदंड का पालन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को अतिरिक्त रूप से पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, पूरे वेतन और भत्ते के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश और मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और जीवनसाथी को बीमा कवरेज मिलेगा. एक बच्चे वाले कर्मचारी को चार अतिरिक्त इंक्रीमेंट दिए जायेंगे।

कानून नहीं माना तो बर्खास्त
प्रस्तावित कानून कहता है, ‘यदि राज्य सरकार के अधीन किसी सरकारी कर्मचारी की कोई भी कार्रवाई उसके द्वारा दिए गए वचन का उल्लंघन करती हुई पाई जाती है, तो उसे तत्काल प्रभाव से उसकी नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा. साथ ही भविष्य में किसी भी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने से वंचित कर दिया जायेगा।

इन लोगों पर नहीं होगा लागू
ये कानून उन लोगों पर भी लागू नहीं होगा जो एक शादी से दो बच्चों के गर्भ धारण करने के बाद तीसरे बच्चे को गोद लेते हैं, या जिनके दो बच्चों में से एक विकलांग है और उनका तीसरा बच्चा है. यदि एक या दोनों बच्चों की मृत्यु हो जाती है, तो तीसरे बच्चे को गर्भ धारण करने वाले जोड़े को कानून का उल्लंघन नहीं माना जायेगा।