देहरादून। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले रायपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं भाजपा कार्यकर्ताओं का मनमुटाव लगातार बढता जा रहा है। अपने आप को अनुशासित होने का दम भरने वाली भारतीय जनता पार्टी के विधायक और कार्यकर्ताओं में शनिवार को एक बार फिर मालदेवता में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पहले जबरदस्त भिडंत देखने को मिली।
मालदेवता डिग्री कॉलेज के भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के पहुंचने से कुछ ही देर पहले रायपुर से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ अपने ही कार्यकर्ताओं पर भड़ास निकालते हुए नजर आए उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत के सामने काऊ का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
विधायक काऊ ने कैबिनेट मंत्री के सामने ही कार्यक्रम को छोड़ने तक की धमकी दे दी साथ ही यहां तक कहा कि वह जिन कार्यकर्ताओं के साथ खड़े हैं यदि वह उनके साथ रहेंगे तो वह कार्यक्रम छोड़कर चले जाएंगे। भाजपा विधायक अपनी ही पार्टी के जिलाध्यक्ष एवं कार्यकर्ताओं को औकात में रहने की नसीहत करते दिखे। वैसे तो रायपुर विधानसभा में पहले से ही भाजपा के एक गुट एवं क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ के बीच तनातनी चल रही है। परंतु आज हुए इस घटनाक्रम की शुरूआत शुक्रवार शाम काऊ समर्थकों किशन नेगी, पूर्व प्रधान अजय चौहान, सोबन ज्वाडी आदि द्वारा लगाये गये बैनर फाडे जाने से हो गई थी। बैनर फाडे जाने से विधायक काऊ के समर्थक काफी नाराज थे। परंतु उमेश शर्मा काऊ का पूरा ध्यान कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर था। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को विवाद बढ़ाने से सख्त मना किया हुआ था। आज जैसे ही कार्यक्रम स्थल पर दोनों गुट आमने-सामने हुए वैसे ही मामला बढ़ता चला गया।
दुग्ध संघ के पूर्व चेयरमैन किशन नेगी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के द्वारा क्षेत्र को करोडो़ रूपये के विकास कार्यों के उदघाटन एवं लोकार्पण की सौगात देने के लिए शनिवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री के स्वागत एवं आभार के लिए बैनर लगाए थे जिनको रात में फाड़ फाड़ दिया गया। बैनर फाडने वाले तत्वों ने यह तक नहीं सोचा कि उन बैनरों पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक जी की फोटो भी लगी हुई थी। किशन नेगी ने पार्टी हाईकमान से ऐसे अनुशासनहीन कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर पार्टी से बाहर करने की मांग की है।
आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरीके से रार भाजपा के भीतर रायपुर में देखने को सरेआम मिल रही है उससे कहीं ना कहीं पार्टी के लिए यह चिंता का विषय भी है कि आखिर चुनावी रण में जाने से पहले पार्टी में इस तरह के मतभेद क्यों है जिसका समाधान पार्टी को चुनाव से पहले निकालना होगा।