नई दिल्ली। देश में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा (Sunil Arora) ने देश में रिमोट वोटिंग (Remote Voting) शुरू होने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराने के लिए IIT चेन्नई समेत कई अन्य IIT संस्थानों की टीम, इस पर बहुत काम कर रही है और अगले दो-तीन महीनों में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो सकता है. आयुक्त अरोड़ा ने कहा कि इस साल की शुरुआत में चुनाव आयोग ने IIT चेन्नई, अन्य IIT और अन्य प्रमुख संस्थानों के साथ परामर्श कर रिमोट वोटिंग को सक्षम बनाने के लिए एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू किया था।
दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “पिछले कुछ महीनों से एक डेडिकेटेड टीम इस प्रोजेक्ट पर कड़ी मेहनत कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि रिमोट वोटिंग का ये कॉन्सेप्ट साल 2024 के लोकसभा चुनावों तक मूर्त रूप ले लेगा.” इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रोजेक्ट का मकसद न तो इंटरनेट आधारित मतदान है और न ही इसमें घर से मतदान करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए आयोग ने मतदान में पारदर्शिता और गोपनीयता को हमेशा से ही प्राथमिकता दी है और इसी के लिए आयोग जल्द ही अलग-अलग विकल्पों पर विचार-विमर्श के बाद इस तरह की वोटिंग के अंतिम मॉडल को आकार देगा. उन्होंने कहा कि इससे प्रक्रिया में कुछ बदलाव भी आएगा इसलिए राजनैतिक पार्टियों और अन्य पक्षों से इस बारे में पूरा विचार-विमर्श किया जाएगा।
इसी के साथ, विदेश में बसे भारतीय मतदाताओं को वन-वे इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट के जरिए मतदान करने की सुविधा देने के सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद आयोग सरकार की ओर से सुझाए गए सभी हितधारकों के साथ एक सेमिनार आयोजित करेगा और उनके साथ इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा. वर्तमान समय में अनिवासी भारतीय (NRI) उस निर्वाचन क्षेत्र में मतदान कर सकते हैं जिसमें उनका वह निवास स्थान स्थित है, जो उनके पासपोर्ट में दिया गया है।
इस प्रोजेक्ट में शामिल ‘ब्लॉकचेन’ टेक्नोलॉजी के बारे में बताते हुए पूर्व वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने हाल ही में कहा था कि इसका मतलब घर से मतदान नहीं है. यह ‘दो तरफा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम है’, यानी बायोमेट्रिक अटेंडेंस लेने और वेब कैमरे का इस्तेमाल कर मतदाता की फोटो लेने के बाद वोट डालने की अनुमति दी जाएगी. इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए मतदाताओं को पहले से तय समयावधि के दौरान बताए गए स्थान पर पहुंचना होगा, जैसे वे मतदान केंद्रों में जाते हैं।