हाईकोर्ट में पेश हुए शहरी विकास सचिव, 6 महीने में करा लिए जाएंगे निकाय चुनाव, अगली सुनवाई 16 अप्रैल को

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नैनीताल। उत्तराखंड उच्च नयायालय ने राज्य में समय पर निकाय चुनाव नहीं कराने को लेकर दायर अलग अलग जनहित याचिकाओं में आज शहरी विकास सचिव नितिन भदौरिया हाजिर हुए।

उन्होंने न्यायालय को आश्वस्त किया कि 6 महीने के भीतर राज्य में नगर निकाय चुनाव करा लिए जाएंगे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सचिव के बयान रिकॉर्ड करने के साथ ही दोनों याचिकाओं को लंबित रख दिया है और मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल के लिए तय की है।

आपको बता दें कि जसपुर निवासी मो. अनीश व अन्य ने उच्च न्यायालय में पी.आई.एल. कर कहा कि नगर पालिकाओं और नगर निकायों का कार्यकाल 2 दिसम्बर को समाप्त हो गया था, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित नहीं किया, उल्टा निकायों में अपने प्रशासक नियुक्त कर दिए। प्रशासक नियुक्त होने की वजह से आमजन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि निकायों के चुनाव कराने के लिए सरकार के संज्ञानरत पूर्व से ही एक जनहित याचिका न्यायालय में विचाराधीन है। जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वे निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक नियुक्त करे। प्रशासक तब नियक्त किए जाता है जब कोई निकाय भंग लिया जाता है। उस स्थिति में भी सरकार को छह महीने के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है। यहां इसका उल्टा है निकायों ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है लेकिन अभी तक चुनावी कार्यक्रम घोषित नही किया गया है बल्कि निकायों में प्रशासक नियुक्त कर दिये जो कि संविधान के खिलाफ है।

लोकसभा और विधानसभा के चुनाव निर्धारित समय से होते हैं लेकिन निकाय चुनाव ते समय से क्यों नहीं होते। नियमानुसार निकायों के कार्यकाल समाप्त होने से छह महीने पहले चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो जाना चाहिए था जोकि अभी तक भी घोषित नही किया गया है।