हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी की रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद अडाणी ग्रुप को दो लाख करोड़ रूपये की चपत
नई दिल्ली। अडाणी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई है। जिसके अनुसार अडाणी की पूंजी में दो लाख करोड़ की कमी आई है। वहीं इस रिपोर्ट के बाद शेयर मार्केट में मची खलबली से जीवन बीमा निगम को भी तगड़ा झटका लगा है।
अमेरिका स्थित एक खोजी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने 25 जनवरी को एक विस्तृत रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि गौतम अदाणी के स्वामित्व वाले अदाणी समूह ने कई वित्तीय गड़बड़ियां की हैं। जिसके चलते उनके शेयरों के दामों में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई है और उन्होंने अपनी क्षमता को अधिक दिखाकर पूंजी जुटाने के लिए अनैतिक तरीकों से ऋण जुटाया है। इस रिपोर्ट में अदाणी समूह से जुड़े गौतम अदाणी के रिश्तेदारों पर भी करों में हेरफेर का आरोप लगाया गया था। रिपोर्ट जारी होने के बाद 26 जनवरी को अदाणी समूह की स्वामित्व वाली कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। रिपोर्ट की वजह से अदानी समूह की बाज़ार पूंजी (मार्केट कैपिटलाइज़ेशन) में शुक्रवार को एक ही दिन में 3.37 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आ गई। इस गिरावट का सबसे बड़ा खामियाजा भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी को भी उठाना पड़ा।
भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने इस गिरावट की वजह से एक ही दिन में 16,627 करोड़ रूपये गवांए। अदाणी ग्रुप की सबसे बड़ी पांच कंपनियों में एलआईसी सबसे बड़ी घरेलू (नॉन-प्रमोटर) निवेशक है। पूर्व में एलआईसी के अदाणी समूह में निवेश को लेकर विपक्षी दलों द्वारा सवाल भी उठाए गए थे लेकिन इसके बावजूद एलआईसी की ओर से समूह में भारी निवेश किया गया। महज़ दो दिनों में अदानी समूह की कंपनियों में एलआईसी के निवेश का मूल्य 22 फ़ीसदी गिर गया. शुक्रवार को इसका मूल्य 72,193 करोड़ रुपये था यह घट कर 55,565 करोड़ रुपये पर आ गई।
ऐसे समझें मामले को
एक आदमी सुनार के पास गया और उसने सुनार को एक सोने की चेन दिखाते हुए उसकी कीमत तीस हजार रुपए बताई। सुनार ने मोल भाव करते हुए उस आदमी को पच्चीस हजार रुपए देकर चेन अपने पास गीरवी रख ली। सुनार को भविष्य में पांच हजार रुपए का फायदा होने पर खुशी तो हुई पर चेन की जांच परख करने पर उसकी कीमत पांच हजार रुपए ही निकली। यानी वह आदमी चेन गीरवी रखकर बीस हजार रुपए का मुनाफा कमा गया। इसी तरह अदाणी ग्रुप के हेर फेर को रिपोर्ट में समझाने की कोशिश की गई है।