ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में एक जनवरी शुक्रवार से एम्स ऋषिकेश व एम्स विजयपुर( जम्मू )की नए शैक्षणिक सत्र की एमबीबीएस प्रथम वर्ष की वर्चुअल क्लासेस शुरू हो गई हैं। कोविड19 के मद्देनजर शुरू की गई वर्चुअल क्लास में ऋषिकेश एम्स के 119 व एम्स जम्मू के 35 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में शुक्रवार से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की कक्षाएं विधिवत शुरू हो गई हैं, जिसमें संस्थान के साथ साथ जम्मू एम्स के विद्यार्थी भी शामिल होंगे। प्रो. रवि कांत ने कहा कि हमारी चिकित्सा पद्धति में साइंस के साथ साथ आर्ट भी है। चिकित्सा के विद्यार्थियों को अपने चिकित्सकीय पेशे में सफलता अर्जित करने के लिए विज्ञान के साथ ही कला को भी अनिवार्यरूप से आत्मसात करना होगा, तभी वह मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा प्रणाली में प्रत्येक पांच वर्ष के समयांतराल में दवा, उपचार विधि व परीक्षण के तौर तरीकों में बदलाव आ जाता है मगर इसके इस प्रणाली में अपनाई जाने वाली आर्ट में कोई बदलाव नहीं आता। लिहाजा चिकित्सक को पेशेंट के साथ कुशल व्यवहार व बेहतर संबंधों की कला में भी दक्ष होना होगा। उनका कहना है कि भारत में चिकित्सा विज्ञान में मौजूद कला के पक्ष की ओर गौर कम होने लगा है।
प्रो. रवि कांत ने कहा कि चिकित्सा के विद्यार्थियों को मरीज के प्रति व्यवहारिक कुशलता के ज्ञान में दक्ष बनाने के लिए आर्ट ऑफ मेडिसिन को साफ्ट स्किल जैसे क्रिएटिव राइटिंग, संगीत, ड्रामा आदि माध्यमों को अपनाया जाएगा, जिसके लिए एम्स संस्थान में प्रोफेशनल डेवलपमेंट एंड हिमेनिटी विभाग स्थापित किया गया है।
उन्होंने जोर दिया कि चिकित्सक में अपनी बात मरीज व उसके तीमारदारों तक ठीक से पहुंचाने की दक्षता का होना जरुरी है। साथ ही उसमें सामाजिक उत्तरदायित्व का बोध व अपने साथियों के साथ अच्छे व्यवहार का ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक कुशल चिकित्सक में होलिस्टिक हैल्थ को प्राप्त करने के लिए इमोशनल, सोशल, स्प्रिच्वल, फिजिकल व मेंटल सभी प्रकार के गुणों से परिपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान में एविडेंस बेस्ड मेडिसिन पर जोर दिया और इसके लिए रेंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
गौरतलब है कि एम्स विजयपुर (जम्मू) में संस्थान का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जम्मू एम्स में इस वर्ष से 50 सीटों के साथ एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू कर दी गई है। यह छात्रों का प्रथम बैच है, चूंकि जम्मू का मेंटर इंस्टिट्यूट एम्स ऋषिकेश है, लिहाजा एम्स ऋषिकेश के छात्र छात्राओं के साथ ही एम्स जम्मू की एमबीबीएस की पढ़ाई अपने संस्थान के छात्रों के साथ शुरू की है।
इस अवसर पर संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, जम्मू एम्स के उप निदेशक कर्नल प्रभात शर्मा, फैकल्टी मेंबर्स डा. मनीषा नैथानी, डा. पूर्वी कुलश्रेष्ठा, फाउंडेशन कोर्स कमेटी की डा. गीता नेगी, डा. हरीश आदि मौजूद थे।