टिकैत बोले, शहरों में बैठकें करने का क्या औचित्य है गांव में किसानों के पास आकर हल खोजें भाजपा मंत्री प्रतिनिधि
किसान दिल्ली में धरने पर हैं लेकिन प्रधानमंत्री के पास अन्नदाता से मिलने के लिए नहीं है समय
नई दिल्ली। लगभग महीने भर से जारी किसान आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन को धार देने के लिए किसानों से अगली ‘किसान क्रांति’ का हिस्सा बनने की अपील है। टिकैत ने चेतावनी दी है कि तीन नए कृषि बिलों पर जारी आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार कोई समाधान नहीं खोज पाती है तो किसान इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अपना रास्ता खुद बनाने के लिए मजबूर होंगे।
टिकैत यूपी गेट पर किसानों को संबोधित कर रहे थे, जहां पिछले 24 दिनों से किसान जमे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार के साथ 6 दौर की वार्ताओं से कोई समाधान नहीं निकला। अब या तो सरकार इस समस्य का कोई हल खोजे या फिर हमें हल क्रांति करने पर मजबूर होना पड़ेगा। यह क्रांति दिल्ली के दिल तक होकर जायेगी।’
किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने देशभर के किसान यूनियनों से एकता दिखाते हुए दिल्ली के 4 बॉर्डरों (सिंघु, टिकरी, यूपी गेट और चिल्ला) पर जारी आंदोलन का हिस्सा बनने की अपील की।
टिकैत ने कहा, ‘हर किसान को अब अपने घर से निकलना चाहिए और अपने खेती के औजारों के साथ वे हमारे आंदोलन का हिस्सा बनें। मैं छोटे-बड़े सभी किसान यूनियनों से अपील करता हूं कि वे दिल्ली की सीमाओं पर अपने झंडे, बैनरों के साथ पहुंचे। हम उनका स्वागत करेंगे।’
टिकैत ने किसानों के आंदोलन को शांतिपूर्ण बताने और सरकार से सवाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को शुक्रिया कहा। टिकैत बोले,’मुझे पता लगा है कि सरकार के प्रतिनिधित्व कृषि कानूनों को लेकर 700 से अधिक बैठके करेंगे। इसी तरह की एक मीटिंग मेरठ में हुई। सरकार इस तरह की बैठके शहरों में क्यों कर रही है? वह किसानों से उनके गांव में क्यों नहीं मिलती? किसान दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार वहां क्यों नहीं आती?’
बता दें कि नए कृषि कानूनों के विरोध में बीते 24 दिनों से पंजाब और हरियाणा से आए किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।