चंडीगढ़ मेयर चुनाव: कुलदीप कुमार मेयर घोषित, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी को दोषी करार दिया

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट होने से बचाने के लिए आज एक अभूतपूर्व निर्णय सुनाते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जिन 8 वोटों को रद्द किया गया था, उन्हें सही माना। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच ने आदेश दिया है कि मेयर चुनाव में अमान्य किए गए 8 बैलेट पेपर मान्य माने जाएंगे। याचिकाकर्ता आप उम्मीदवार को 12 वोट जो पहले सही थे, 8 रद्द वोटों को मिलाकर 20 वोट हुए। जिसके बाद आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया गया। बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को 19 फरवरी को मतगणना के दौरान आप पार्षदों के लिए डाले गए बैलेट पेपर्स पर निशान लगाते हुए दिखाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को अवमानना के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को 3 हफ्ते में जवाब मांगने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अदालत यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया इस तरह के हथकंडों से नष्ट न हो। इसलिए हमारा विचार है कि अदालत को ऐसी असाधारण परिस्थितियों में बुनियादी लोकतांत्रिक जनादेश सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि ये अदालत पूरा इंसाफ करने के लिए ड्यूटी बाउंड है। पूरी चुनाव प्रक्रिया को रद्द करना सही नहीं है। कोई भी बैलेट डिफेस नहीं था. पीठासीन अफसर मसीह गलत कार्य का दोषी है।   _CJI ने कहा कि वीडियो देखने के बाद सामने आया है कि रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह ने कुछ बैलेट पेपर पर एक खास निशान लगाया था। यह सभी 8 वोट याचिकाकर्ता उम्मीदवार (कुलदीप कुमार) को गए थे। रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने वोट को अमान्य करने के लिए निशान लगाए। हमने आरओ को उसके कृत्य में गलत पाए जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। पीठासीन अफसर ने स्पष्ट रूप से अपने अधिकार से परे काम किया।

कोर्ट में सुनावाई से पहले आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। आप के तीन पार्षद नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी बीजेपी में चले गए।

नई दिल्ली। देशभर में चंडीगढ़ नगर निगम का मेयर चुनाव चर्चा में बना हुआ है। मेयर चुनने के लिए जिस तरह से वोटिंग और परिणाम घोषित हुए थे, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवालिया निशान लगा दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने निगम की बैठकों पर भी रोक लगा दी थी। इसके साथ चुनाव अधिकारी पर भी कई सवाल उठाए थे। आज इस मामले में सुनवाई होनी है। इससे पहले ही रविवार को नवनियुक्त मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

वहीं कोर्ट में सुनावाई से पहले आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। आप के तीन पार्षद नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी बीजेपी में चले गए। तीनों पार्षदों ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हुए हैं। रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने तीनों पार्षदों को पार्टी की सदस्यता दिलाई।

क्या है नंबर गेम
आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद अब भाजपा के पार्षदों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है जबकि उनके पास एक सांसद का वोट (चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर) भी है। इसके अलावा हाल ही में हुए मेयर चुनाव के दौरान शिरोमणि अकाली दल के एक साथ पार्षद का भी भाजपा को समर्थन है जिसके बाद भाजपा के पास अब 19 वोट हो गए हैं और संख्या बल के लिहाज से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। नगर निगम के कुल 35 वोट में 19 वोटर भाजपा के पास हो गए हैं। जिसके बाद नगर निगम में भाजपा का बहुमत हो गया है। अब सब की निगाहें आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के ऊपर टिक गई है। देखने वाली महत्वपूर्ण यह बात यह होगी कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर किया निर्णय सुनाता है।