देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अभी एक साल से अधिक का समय बाकी है, लेकिन राजनीतिक हलचलें तेज़ होने लगी है। चुनावी माहौल खासतौर पर राजधानी देहरादून की धरमपुर विधानसभा सीट पर गर्म होने लगा है, जहां कांग्रेस में दावेदारों की लंबी कतार दिखाई दे रही है। त्योहारों के मौसम में कई दावेदारों ने सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ा दी है और बैनर-होर्डिंग के माध्यम से जनता को शुभकामनाएं देकर अपने राजनीतिक इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
कांग्रेस में दावेदारी की लंबी लिस्ट
धरमपुर सीट से कांग्रेस के अंदर कई सारे नामों की चर्चा है। प्रमुख रूप से जिन नामों की चर्चा सबसे अधिक है, उनमें —
पूर्व दायित्वधारी पूरण सिंह रावत
पूरण सिंह रावत हरीश रावत सरकार में दायित्वधारी रह चुके हैं। अभी प्रदेश कांग्रेस में उपाध्यक्ष हैं और वह टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
पूर्व दायित्वधारी ओम प्रकाश सती बब्बन
बब्बन पूर्व में डीएवी कॉलेज के अध्यक्ष रह चुके हैं। युवाओं में आज भी उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। इसके अलावा हरीश रावत सरकार में दायित्वधारी रह चुके हैं।
पूर्व दायित्वधारी याकूब सिद्दीकी
पार्टी के प्रदेश सचिव एवं पूर्व पार्षद रमेश कुमार मंगू,
पूर्व प्रधान एवं पार्षद हरिप्रसाद भट्ट,
PCC सदस्य सुरेन्द्र रांगड़
रांगड पूर्व में कांग्रेस प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी निभा चुके हैं और वर्तमान में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं।
हाजी सुलेमान अंसारी
हाजी सुलेमान अंसारी मेहुवाला के प्रधान रह चुके हैं, वर्तमान उनके भतीजे शहजाद की पत्नी नगर निगम में पार्षद हैं। इसके अलावा अंसारी पार्टी में प्रदेश सचिव रह चुके हैं। उनकी छवि पूरे क्षेत्र में एक ईमानदार एवं निष्पक्ष व्यक्ति की मानी जाती है।
युवा कांग्रेस नेता संदीप चमोली,
महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला,
ज्योति रौतेला वर्ष 2012 में लैंसडौन विधानसभा से चुनाव लड़ चुकी हैं और अब अब धरमपुर विधानसभा सीट से दावेदारी जता रही हैं। हालांकि स्थानीय नेता किसी स्थानीय को ही टिकट की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता वैभव वालिया,
वालिया कांग्रेस राष्ट्रीय संचार विभाग से जुड़े हैं और दिल्ली में रहकर संगठन के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वालिया वर्ष 2022 में कैंट विधानसभा से दावेदारी कर चुके हैं। परंतु वहां सूर्यकांत धस्माना की मजबूत दावेदारी के चलते इस बार धरमपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
इसके साथ ही संभावित प्रत्याशियों के रूप में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र का नाम भी शामिल है।
इन सभी नामों में से कई नेता न केवल संगठन के भीतर सक्रिय हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर अपने-अपने क्षेत्रों में संपर्क अभियान चला रहे हैं। धरातल पर देखा जाए तो स्थानीय दावेदारों में रमेश कुमार मंगू पिछले 25 वर्षों से स्थानीय राजनीति में सक्रिय है तथा 15 सालों से जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहा है। उनकी पत्नी कुसुम वर्मा पहले भारूवाला ग्रांट से प्रधान रह चुकी हैं और वर्तमान में वार्ड नंबर 78 (टर्नर रोड) से नगर निगम की पार्षद हैं।
स्वयं रमेश कुमार मंगू भी इसी वार्ड से पिछली बार पार्षद रह चुके हैं। मंगू परिवार पूरे क्षेत्र में आयोजित होने वाले सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेते दिखाई देता है
हरिप्रसाद भट्ट भी मजबूत दावेदार
दूसरे प्रमुख स्थानीय दावेदार के रूप में हरिप्रसाद भट्ट का नाम सामने आ रहा है।
भट्ट पहले सेवला खुर्द के प्रधान रह चुके हैं और बाद में पिथूवाला वार्ड से पार्षद के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनकी संगठन में पकड़ और क्षेत्रीय पहचान उन्हें इस दौड़ में आगे बनाए हुए है।
कांग्रेस के लिए चुनौती और अवसर दोनों
धरमपुर विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए चुनौती और अवसर दोनों हैं। जहां एक ओर दावेदारों के बीच टिकट को लेकर घमासान तय माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यह भी स्पष्ट है कि पार्टी के पास मजबूत और अनुभवी स्थानीय चेहरे मौजूद हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि टिकट का फैसला स्थानीय जनाधार, संगठनात्मक निष्ठा और शीर्ष नेतृत्व की पसंद पर निर्भर करेगा। फिलहाल, धरमपुर में कांग्रेस के दावेदारों ने प्रारंभिक चुनावी अभियान छेड़ दिया है।