नईदिल्ली। तेल कंपनियों द्वारा देश में ईंधन की कीमतों में लगभग दो महीने से कोई संशोधन नहीं किया गया है, यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की दरें 67 डॉलर के आसपास हैं,तब भी कोई बदलाव इनकी कीमतों में देखने को नहीं मिला है। हालाँकि सम्भव है की दो मई को चुनाव के परिणाम सामने आने के तुरंत बाद कीमतो में बढोतरी देखने को मिले।
देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के चलते तेल कम्पनियो द्वारा झेले गए घाटे को पूरा करने के लिए संभव है की वे चुनाव रुझान आने के बाद एक बार फिर से दाम बढ़ाने लगें।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि और रुपये के कमजोर होने के वजह से तेल कम्पनिया देश में ईंधन के दामों में कम से कम 2-3 रुपये की वृद्धि करना चाहते हैं। पूरी पूरी सम्भावनाएं है कि मई के पहले सप्ताह से पेटोएरल पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने का सिलसिला शुरू हो जाए।
कोरोना महामारी के बीच जनता को पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में होने वाली वृद्धि के लिए अब तैयार रहना चाहिए क्योंकि अब चुनाव समाप्त हो चुके है।