हिमाचल सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने के आरोप में उत्तराखंड में मुख्य सचिव रहे राकेश शर्मा पर हिमाचल प्रदेश में मुकदमा दर्ज कराया गया है। राकेश शर्मा के साथ उनके पुत्र और हमीरपुर के निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा पर भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश के मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी और मनाली विधायक भुवनेश्वर गौड़ की शिकायत पर इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया है।
सूत्रों की माने तो सबूत मिलने पर राज्यसभा सीट के लिए कराए गए चुनाव में क्रास वोटिंग करने वाले विधायकों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। उन्हें क्रॉस वोटिंग के बाद अयोग्य घोषित किया जा चुका है।
क्या है राकेश शर्मा पर आरोप
एफआईआर में आरोप है कि हिमाचल सरकार को अस्थिर करने के लिए साजिश रची गई। राज्य के बाहर से हेलीकॉप्टर आए और कई सुरक्षा कर्मियों को भी लाया गया। शिकायत में वोट के एवज में करोड़ों रुपये का लेनदेन होने का भी जिक्र है। इस शिकायत मे उन बड़े होटलों का जिक्र है जहाँ इन विधायकों को ठयराया गया । बागियों को ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर मंगाए गए। शिकायत में उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा के बैंक खातों की जांच की मांग भी की गई है। पुलिस एफ आई आर दर्ज होने के बाद दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है।
क्या कहना है राकेश शर्मा का
पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने कहा कि ये उनके खिलाफ साजिश है और ये कार्यवाही पूरी तरह राजनिति से प्रेरित है। राकेश शर्मा की माने तो उन्होंने अपने सेवाकाल में ऐसी बहुत एफआईआर देखी हैं।
उत्तराखंड मे है अच्छी पैठ
पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा की उत्तराखंड नौकरशाही में अच्छी पकड़ है। इसके साथ साथ उनके कई नेताओं से अच्छे संबंध हैं। किसी बिगड़े काम को बनाना उन्हे खूब आता है। राकेश शर्मा कई अधिकारियों के लिए दुधारू गाय समान थे। हरीश रावत सरकार में राकेश शर्मा मुख्य प्रधान सचिव भी रहे।
12 मार्च को होनी है सुनवाई
अयोग्य घोषित हुए हिमाचल के इन 6 विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की पीठ के समक्ष कल 12 मार्च को सुनवाई की जानी है। ऐसे में अयोग्य ठहराए गए विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने में झटका लग सकता है।