प्रदेश में आपदा से अब तक 25 लोगों ने गंवाई जान, मृतक आश्रितों को मिलेगा 4 लाख रूपये मुआवजा

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देहरादून। प्रदेश में दो दिन तक आफत की बारिश से कितना नुकसान हुआ अभी स्तिथि स्पष्ट नहीं हो पायी है,लेकिन अब तक के आंकड़ों से कई अधिक संभावना जताई जा रही है। गढ़वाल क्षेत्र के पौड़ी में 3 लोग काल कवलित हुए तो कुमायू क्षेत्र में अधिक तबाही देखने को मिली। नैनीताल जनपद में 18,अल्मोड़ा में 3 और चम्पावत में 1 जान गई। कोसी ने भी रौद्र रूप दिखाया तो साल भर सैलनियो को रिझाने वाली झील और झरने भी रौद्र रूप धारण कर सड़कों की ओर रुख कर गई। सोशल मीडिया पर ऐसी कई डराने वाली तस्वीरें सामने आ रही है। गोला का पुल क्षतिग्रस्त हो गया। पर्वतीय क्षेत्रो में सड़के अवरुध्द होने से अभी वहां राहत और बचाव कार्य तेजी नहीं पकड़ पा रहा है। सेना और एयर फोर्स भी रेस्क्यू में जुटे हैं। मार्ग खुलने पर जब बचाव दल इन क्षेत्रो तक पहुचेगा तो तबाही की असली तस्वीर सामने आ सकेगी।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करते मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के कई प्रभावित क्षेत्रो का जायजा लिया और भवन क्षति, पशुधन क्षति पर भी मानकों के अनुरूप सहायता राशि जल्द देने की घोषणा की। सीएम ने गढ़वाल क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण के बाद जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से जनपद के साथ चारधाम यात्रा की स्थिति की ली जानकारी।कुमांऊ क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण के बाद पंतनगर में जिलाधिकारी, वायुसेना एवं एसडीआरएफ के अधिकारियों से राहत कार्यों के सम्बन्ध में चर्चा की। देर सांय नैनीताल जनपद का भी लिया जायजा। सड़क मार्ग से पंतनगर से रूद्रपुर तत्पश्चात हल्द्वानी पहुंचे तथा अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने तथा पीडितों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री निरन्तर अनुश्रवण कर राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पीडितों को त्वरित राहत एवं अनुमन्य आर्थिक मदद के साथ ही तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधा का भी ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं।

मंगलवार को सीएम ने पूर्वाहन मे सचिवालय स्थित राज्य आपदा प्रबन्धन कन्ट्रोल रूम जाकर प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी स्थिति का जायजा लिया।उसके बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाल व कुमांऊ क्षेत्र के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया तथा रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी से यात्रा व्यवस्थाओं तथा विभिन्न स्थानों पर रूके यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पीडितों के साथ ही यात्रियां को हर संभव सहयोग एवं सहायता उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने बन्द मार्गो को खोलने के भी निर्देश जिलाधिकारी को दिये।

दोपहर बाद मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कुंमाऊ क्षेत्र के रामनगर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज आदि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर पंतनगर एयरपोर्ट पर जिलाधिकारी के साथ एयर फोर्स, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्यो के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रूद्रपुर संजयनगर खेड़ा में उत्पन्न जल भराव की स्थिति का जायता लिया तथा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने व रहने, भोजन आदि की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा। उन्होने कहा कि इस आपदा के कारण जिन परिवारों में जनहानि हुई है उनके आश्रितों को 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा। उन्होने पीङितों से मिलते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि यह एक दैवीय आपदा की घड़ी है, इस परिस्थितियों में सभी के सहयोग से इस आपदा से निपटा जायेगा। उन्होने रेस्क्यू मे लगे एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का हौसला भी बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने आपदा पीडितों को आश्वस्त किया कि संकट की इस घडी में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से हल्द्वानी पहुंचे तथा अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए गोला नदी पुल का निरीक्षण किया तथा नदी से हुए नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्यायें भी सुनी। मुख्यमंत्री ने पीडितों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया।
सर्किट हाउस काठगोदाम में मुख्यमंत्री ने जनपद नैनीताल के अधिकारियों के साथ जनपद में आपदा से हुए नुकसान आदि की समीक्षा की तथा राहत एवं बचाव कार्यों में पूरे मनायोग एवं तत्परता के साथ सम्पादित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर पीडित की मदद करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इस सम्बन्ध में कोई कोताही न बरती जाये।