प्रदेश में भाजपा को ज़ोर का झटका, बद्रीनाथ और मंगलौर सीट पर मिली हार

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देहरादून। प्रदेश की बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर सत्ताधारी भाजपा को ज़ोर का झटका लगा है। जहां पार्टी का करतार भड़ाना के जरिए मंगलौर सीट फतह करना दूर की कौड़ी साबित हुआ वहीं बदरीनाथ की सीट राजेन्द्र भण्डारी को पार्टी में शामिल कर टिकट देने के बावजूद भाजपा यह सीट नही जीत सकी। बदरीनाथ सीट पर जहां कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटोला ने भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री राजेन्द्र भण्डारी को लगभग 6000 वोटों से हरा दिया। इसी प्रकार मंगलौर विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी क़ाज़ी निजामुद्दीन ने कड़े मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना को 422 वोटों हरा दिया।

उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा पहली बार मंगलौर विधानसभा सीट पर जीत की उम्मीद से उतरी थी। हरिद्वार जिले की यह मुस्लिम बहुल सीट भाजपा लिए हमेशा से अभेद दुर्ग रही है। यहां अब तक हुए सभी चुनावों में पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ और इस बाद भी अभेद दुर्ग को फतह करने के इरादे और नई रणनीति के साथ मैदान में उतरी भाजपा को फिर हार का सामना करना पड़ा।

चुनाव लड़ाने के लिए राज्य से बाहर से लाए गए करतार सिंह भड़ाना को प्रत्याशी बनाना भी उसकी रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा था। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन पर नजर दौड़ाएं तो इस सीट पर भाजपा को अब तक सबसे अधिक 24101 वोट 2019 के लोकसभा चुनाव में मिले। 2024 के लोस चुनाव में पार्टी के वोट घटकर 21000 रह गए।

2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 16964 वोट ही हासिल किए थे और 2022 में उसे 18763 वोट मिले थे। यानी पांच साल में वह 1799 वोट ही बढ़ा सकी। मंगलौर सीट पर मुस्लिम और अनुसूचित जाति के वोट निर्णायक माने जाते हैं। विधानसभा क्षेत्र में 50 फीसदी वोट मुस्लिम हैं, जबकि 18 फीसदी अनुसूचित जाति वर्ग के वोट हैं। 32 फीसदी वोट में ओबीसी, गुर्जर, सैनी और अन्य वर्गों के वोट आते हैं।