देहरादून। मंगलवार को संपन्न हुए उत्तराखंड के छात्रसंघ चुनावों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपना परचम लहरा दिया है। दूसरे नंबर पर निर्दलीय तो एनएसयूआई तीसरे नंबर पर है। पूरे राज्य में एबीवीपी को 56 अध्यक्ष, 46 महासचिव समेत कुल 327 पदों पर सफलता मिली है। एनएसयूआई से कहीं अधिक बेहतर प्रदर्शन निर्दलीय संगठनों का रहा।

एबीवीपी ने अध्यक्ष और महासचिव के सबसे अधिक पदों पर जीत दर्ज की। निर्दलीय छात्र संगठन दूसरे नंबर पर रहे। एनएसयूआई की खराब हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो एबीवीपी तो दूर निर्दलीय संगठनों की भी बराबरी नहीं कर पाई। उसे तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। जबकि 19 कालेज निर्दलीय प्रत्याशी जीत पाए। एनएसयूआई का आंकडा 13 के पास जाकर सिमट गया। कांग्रेस को अपनी इस हार का अंदाजा पहले ही हो गया था। एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा का छात्रसंघ चुनावों को लेकर एक ऑडियो वॉयरल हुआ था। जिसमें वे अपने ही छात्र संगठन एनएसयूआई पदाधिकारियों पर पार्टी अध्यक्ष की अनदेखी करने पर भड़के हुए नजर आ रहे थे। मंगलवार को सामने आए नतीजों ने एकबार फिर कांग्रेस की भीतरी कलह की कलई खोल दी है।