देहरादून। पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर शिक्षिका की नौकरी पाई एक महिला के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की तैयारी हो रही है। शिक्षिका पिछले 17 वर्षों से फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रही थी। पौड़ी जिले के ब्लॉक में फजी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्ति पाई इस शिक्षिका पर विभाग अब शिकंजा कसने की तैयारी में है। दरअसल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटगढ़ में सेवा रथ प्रभारी प्रधानाचार्य ने ओबीसी का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर शिक्षिका की नियुक्ति पाई। शिक्षिका महिला अपने मायके से सामान्य जाति के अंतर्गत आती है लेकिन उनका ससुराल पक्ष ओबीसी वर्ग से है। शादी के बाद महिला ने ससुराल पक्ष से ओबीसी का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया जिसके आधार पर उन्होंने ओबीसी आरक्षण के तहत शिक्षिका की नियुक्ति पाई।
अब 17 वर्षों बाद पयासू गांव निवासी राजेश सिंह कोली राजा की शिकायत पर राजस्व उप निरीक्षक की जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। तहसील प्रशासन का कहना है कि चमोली तहसील प्रशासन को प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने की जल्द संस्तुति भेजी जाएगी। राजस्व उप निरीक्षक गजेंद्र दत्त रतूड़ी की जांच में पाया गया है कि प्रभारी प्रधानाचार्य सितोनस्यू पट्टी के श्रीखोंन गांव मैं महिला का मायका है जिनका विवाह चमोली के क्षेत्रपाल गांव में हुआ था।