भाजपा को झटका: टिकट मिलने के बावजूद दो प्रत्याशियों ने किया चुनाव लड़ने से इंकार

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गुजरात में बीजेपी के दो उम्मीदवारों ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। 23 मार्च की सुबह पहले वडोदरा से बीजेपी की सांसद रंजन भट्‌ट ने उम्मीदवारी वापस ली तो इसके बाद साबरकांठा से पार्टी के उम्मीदवार भीखाजी ठाकोर ने कहा वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।

नई दिल्ली। गुजरात में वडोदरा की मौजूदा बीजेपी सांसद रंजनबेन के चुनाव लड़ने मना करके बाद पार्टी को एक और झटका लगा है। साबरकांठा से बीजेपी के प्रत्याशी भीखाजी ठाकोर ने भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। भीखाजी ठाकोर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी है। उन्होंनें लिखा है कि ‘मैं भीखाजी ठाकोर व्यक्तिगत कारणों से साबरकांठा लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूं।’ कांग्रेस पार्टी ने साबरकांठा सीट से गुजरात के पूर्व सीएम अमर सिंह चौधरी के बेटे डॉ. तुषार चौधरी को मैदान में उतारा है।

विवाद की थी आशंका
साबरकांठा सीट से भीखाजी ठाकाेर के पीछे हटने के कई कारण राजनीतिक हलकों में गिनाए जा रहे हैं। पहला कारण यह सामने आया था कि वे उनकी जाति को लेकर चुनाव में विवाद खड़ा होने की आशंका थी। कहा जा रहा था कि वे मूलरूप से वह डामाेर हैं। दूसरा कारण साबरकांठा सीट से कांग्रेस ने पूर्व सीएम के बेटे तुषार चौधरी की उम्मीदवार बनाया है। वे खेड़ब्रह्मा सीट से विधायक है। पहले केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। इस सीट से उनकी दूसरी मां (सौतेली) निशा चौधरी भी सांसद रह चुकी हैं। वे 1996, 1998 और 1999 में लगातार तीन बार जीती थीं। यह सीट गुजरात के उत्तरी हिस्से में आती है। यह शहरीकरण ज्यादा नहीं है। इस सीट पर कांग्रेस का ज्यादा वक्त तक कब्जा रहा है।

कुछ और सीटों पर बदलाव की चर्चा
गुजरात में बीजेपी ने लोकसभा की 26 सीटों में 22 के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए थे। वडोदरा की मौजूदा सांसद और साबरकांठा के प्रत्याशी के पीछे हटने अब पार्टी को कुल छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने होंगे। गुजरात में बीजेपी के दाे और सीटों पर उम्मीदवार बदलने की चर्चा है। इनमें वलसाड और बनासकांठा की सीटें शामिल हैं। आणंद की सीट को लेकर भी अटकलें लग रही है। इन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित होने पर राजनीतिक समीकरण बदले हैं। इन सीटों पर कांग्रेस ने काफी हैवीवेट उम्मीदवार उतारे हैं।