मेरठ हादसा : 12 फीट की अनुमति 22 फीट का डीजे, यात्रा के दौरान पूरे रास्ते किसी ने नहीं रोका, रोकते तो बच जाती कई जिंदगियां

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मेरठ। कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा की तैयारी को लेकर मेरठ के कमिश्नरी सभागार में चार राज्यों की मीटिंग हुई थी। जिसमें तय हुआ था कि 12 फीट से ऊंचा म्यूजिक सिस्टम (डीजे) कांवड़ यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।उसके बाद भी भावनपुर के राली चौहान से 22 फीट ऊंचा डीजे ट्रैक्टर ट्राली में रखकर हरिद्वार गया था। पुलिस की तरफ से जाते हुए भी उक्त डीजे को नहीं उतारा गया। उससे भी अहम बात है कि हरिद्वार से डीजे बजाते हुए कांवड़िये मुजफ्फरनगर की सीमा में पहुंचे। कहीं भी उन्हें रोका तक नहीं किया। दोपहर को करीब दो बजे कांवड़ जेल चुंगी पर पहुंच गई थी, उसके बाद इंचौली में एक फार्म हाउस के अंदर डीजे को रोक दिया गया, ताकि रात के समय डीजे पर लाइट जलाते हुए गांव में प्रवेश करेंगे। तब भी इंचौली और भावनपुर पुलिस ने डीजे को नहीं रोका।

.तो न होता हादसा
कहा जा रहा है कि पुलिस 22 फीट लंबी कावड़ के साथ सुरक्षा के लिए भी गांव तक नहीं गई। यदि पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए गांव में जाते तो शायद यह हादसा होने से बच सकता था। राली चौहान गांव से 25 कांवड़ियों का जत्था हरिद्वार से जल लेने के लिए गुरुवार को गया था। ट्रैक्टर ट्राली पर कांवड़ियों ने करीब 22 फीट ऊंचा म्यूजिक सिस्टम (डीजे) लगाया था।

शनिवार की सुबह छह बजे सभी कांवड़िये जल उठाकर डीजे की मस्ती में दोपहर दो बजे तक मेरठ पहुंच गए थे। उसके बाद इंचौली के एक फार्म में कांवड़ को खड़ा कर दिया। रात को करीब आठ बजे डीजे बजाते हुए कांवड़िये गांव में पहुंच रहे थे। कांवड़ियों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद थे। उस समय कांवड़ियों के जत्थे के साथ करीब 40 लोग मौजूद थे।

करंट लगते ही मचा हड़कंप
डीजे वाली ट्रैक्टर ट्राली पर पीछे लगा लोहे का फ्रेम बिजली की हाईटेंशन लाइन से टच हो गया। उसके बाद करीब 22 कांवड़ियों और ग्रामीणों को करंट लगा। उसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। हर कोई पुलिस और प्रशासन को कोस रहा था। ग्रामीणों का आरोप था कि यदि पुलिस प्रशासन इतनी बड़े डीजे को रोक देता तो शायद इस प्रकार की बड़ी घटना नहीं हो पाती।

भावनपुर पुलिस ने जाते समय क्यों नहीं रोका?
कांवड़ यात्रा के लिए भावनपुर पुलिस से अनुमति ली गई थी। उसके बाद भी गांव से कांवड़ यात्रा को जाते समय डीजे की जांच पुलिस ने नहीं की, जबकि पुलिस ने कई डीजे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी। यदि भावनपुर पुलिस भी डीजे संचालकों पर कार्रवाई करती और डीजे को 12 फीट कराकर भेजती तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं हो पाता। इस पूरे हादसे में भावनपुर पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हो रही है। हालांकि, अफसर अभी कुछ कहने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन पूरे हादसे की जांच भी की जा रही है।