अल्पसंख्यक वर्ग के लिए संचालित योजनाओं के नजर आने लगे हैं सुखद परिणाम
नई दिल्ली। देश में शिक्षा के प्रति अल्पसंख्यक विशेष तौर पर मुस्लिम समाज का रुझान पहले से काफी ज्यादा बढ़ने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अब तक के कार्यकाल में मुस्लिम बच्चों का प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ा है और ऐसा संभव हुआ है केंद्र सरकार द्वारा संचालित कई योजनाओं की बदौलत।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने लोकसभा में पिछले दिनों एक सवाल के जवाब में बताया था कि यूनिफाइड डिस्ट्रिक्स इंफारमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन के अनुसार स्कूलों में अल्पसंख्यक बच्चों का नामांकन 2015-16 में 4.11 लाख से बढक़र 2020-21 में 4.55 लाख पहुंच गया है। जबकि ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन के अनुसार उच्च शिक्षा में नामांकन 2015-16 में 22.97 लाख से बढक़र 2019-20 में 29.68 हो गया।पहले ऐसा था कि काफी संख्या में मुस्लिम छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती थी या वह बहुत ही कम पढ़ा करती थीं लेकिन अब इस स्थिति में काफी सुधार देखने में आ रहा है जिसके मुताबिक स्कूल जाने वाली मुस्लिम छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही बीच में पढ़ाई छोडऩे वाली (ड्रॉप आउट) छात्राओं की संख्या घट रही है। जहां 2015-16 में कक्षा 1 से 6 के बीच 8.03 फीसदी की दर से मुस्लिम छात्रा बीच में पढ़ाई छोड़ रही थी। 2020-21 में यह घटकर 0.4 फीसदी रह गई। इसी तरह उच्च शिक्षा तक आते-आते सौ में से 20 मुस्लिम लड़कियां पढ़ाई छोड़ जाती थी। यह आंकड़ा घटकर 15 पर पहुंच गया है।अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को शिक्षित बनाने के दिशा में भी केंद्र सरकार द्वारा काफी प्रयास किए जा रहे हैं।
केन्द्र सरकार ने 2014-15 से अब तक अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के शैक्षिक सशक्तीकरण के लिए 5.01 करोड़ छात्रवृत्ति मंजूर की है। इस पर 14 हजार 643 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसमें 2.60 करोड़ छात्राएं शामिल है।केंद्र सरकार की ओर से कई ऐसी महत्वपूर्ण योजनाएं चलाकर अल्पसंख्यक वर्ग को और ज्यादा शिक्षित और उनका भविष्य उज्जवल बनाने की दिशा में किए जा रहे हैं. यह वह योजनाएं है कि जिन से शिक्षा के प्रति इस समाज का रुझान बढ़ रहा है और उसके काफी सकारात्मक परिणाम भी नजर आने लगे हैं और उम्मीद है कि आने वाले समय में इसमें और ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
जो योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं उनमें प्रमुख रूप से
मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना
मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना
मेरिट सह साधन आधारित छात्रवृत्ति योजना
. मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति योजना
. पढ़ो परदेश
. बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति
. नई मंजिल
. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम की शैक्षिक ऋण योजना
. प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम जैसी योजनाएं शामिल हैं।
इन के माध्यम से सरकार का यह प्रयास है कि शिक्षा की दिशा में और ज्यादा सशक्तिकरण आ सके.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब 8 साल के कार्यकाल में और उनके सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास नारे के चलते यह सब संभव होता नजर आ रहा है।
शिबली रामपुरी