रोड़वेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का सांसद बलूनी को आभार एवं मांग पत्र

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देहरादून। उत्तराखंड रोड़वेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी को प्रदेश के किए गए विकास कार्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मांग पत्र लिखा है।

परिषद द्वारा लिखा गया पत्र

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में सांसद द्वारा किए गए विकास कार्यों के प्रति आभार एवं राज्य के सार्वजनिक उपक्रम “उत्तराखंड परिवहन निगम को मजबूत बनाने हेतु रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद्, आपके द्वारा उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में किए गए अद्वितीय विकास कार्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त करता है। आपके नेतृत्व में उत्तराखंड के कठिन भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों के बावजूद जिन क्षेत्रों में आपने सुधार लाए हैं, विशेषकर सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, और संचार के क्षेत्र में, उनसे राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है आपके इन कार्यों से न केवल राज्य वो विकास में गति आई है, बल्कि इससे पर्वतीय और सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों का जीवन भी आसान हुआ है।

आपके मार्गदर्शन में सम्पन्न कुछ प्रमुख कार्य निम्नलिखित है-

सड़क और परिवहन सुविधा का विस्तार-

आपके प्रयासों से दुर्गम क्षेत्रों में सड़कों का विस्तार और सुधार हुआ है, जिससे परिवहन की सुविधा सुगम हुई है और लोगों का आवागमन सहज हुआ है। इन सड़कों ने पर्वतीय क्षेत्रों को राज्य की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया है।

स्वाथ्य सुविधाओं का सुधार
आपके प्रयासों से कई स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना हुई है और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता भी बढ़ी है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के नागरिकों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने लगी हैं। इससे पहले जहां चिकित्सा के अभाव में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, अब वहां स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से उपलका है।

शिक्षा का विकास-
पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा के विस्तार और गुणक्ता में सुधार के लिए आपके प्रयासों से कई विद्यालयों का निर्माण और सुधार हुआ है। इस प्रयास ने सुदूरवर्ती क्षेत्रों के बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त किया है।

संचार और डिजिटल कनेक्टिविटी का विस्तार-

आपके प्रयासों से दूरस्थ क्षेत्रों में संचार सुविधाओं का विस्तार हुआ है, जिसमें माबाइल नेटवर्क और इंटरनेट का पहुंचना शामिल है। इससे राज्य में डिजिटल कनेक्टिविटी मजबूत हुई है और संचार व्यवस्था बेहतर हुई है। इन कार्यों ने न केवल पर्वतीय क्षेत्रों में जीवन को आसान बनाया है बल्कि राज्य की जनता के प्रति आपकी प्रतिबद्धता का परिचय भी दिया है। अब, इन्हीं प्रयाशों को सुदृढ़ करने हेतु रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य के सरकार उपक्रम “उत्तराखंड परिवहन निगम के माध्यम से पर्वतीय एवं सीमांत क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ बनाने के लिए अपने निम्नलिखित सुझाव प्रस्तुत कर रहा है-

  1. नई बसों की तैनाती-

पर्वतीय क्षेत्रों में परिवहन सुविधा की आवश्यकता को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम की न्यूनतम 1000 नई बसों की आवश्यकता है। यह नई बसे सुरक्षित और किफायती परिवहन के लिए विशेष रूप से पर्वतीय और सीमांत क्षेत्रों में तैनात की जानी बाहिए।

  1. जन-कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार-

उत्तराखंड में विशेष रूप से बुद्धजन यात्रा छूट, छात्राओं के लिए निःशुल्क परिवहन सुविधा, और धार्मिक यात्राओं के लिए विशेष सुविधाएं पर्वतीय क्षेत्रों में ठीक प्रकार से उपलब्ध नहीं हो पा रही है। पर्वतीय क्षेत्र के लोगों तक इन योजनाओं को प्रभावी रूप से पहुंबाने हेतु इन योजनाओं का विस्तार करना आवश्यक है।

  1. अन्य राज्यों के अनुरूप अनुदानः-

जैसा कि अन्य राज्यों में परिवहन निगमों को बड़े अनुदान दिए जाते हैं, दिल्ली परिवहन निगम को ₹1000 करोड़ और महाराष्ट्र परिवहन निगम को ₹2000 करोड़। वैसे ही उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए कम से कम ₹400 करोड़ का वार्षिक बजट उपलब्ध कराना अति आवश्यक। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में सुरक्षित और सुगम परिवहन की व्यवस्था को बल मिलेगा।

  1. सीमांत जिलों में बस अड्डों का निर्माण एवं विकासः-

सीमांत जिलों, जैसे उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, और चंपावत में बस अड्डों का निर्माण आवश्यक है। इन बस अड्डों पर प्रतीक्षालय, शौचालय, पेयजल जैसी सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित हो सके।

  1. पर्यावरण संरक्षण में योगदानः

पर्वतीय क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने से निजी वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे प्रदूषण और ईंधन की खपत में कमी आएगी। यह पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।

  1. सुरक्षा मानकों का पालन एवं दुर्घटनाओं पर अंकुशः

नई बसों में आधुनिक सुरक्षा सुविधाएं, जैसे एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) और ट्रैक्शन कंट्रोल, होना चाहिए ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के सुदृढ़ होने से निजी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही में भी कमी आएगी, जो पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने में सहायक होगा। पर्वतीय सड़कों पर अनुभवी चालकों द्वारा संचालित सुरक्षित बसें निजी वाहनों की अपेक्षा अधिक स्थायित्व और सुरक्षा प्रदान करती हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना में कमी आ सकती है।

आपके कुशल नेतृत्व में राज्य के सार्वजनिक निगम “उत्तराखंड परिवहन निगम” को सुदृढ़ बनाने हेतु ये सुझाव उत्तराखंड के परिवहन क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होंगे। आपके नेतृत्व में राज्य के विकास में हो रहे निरंतर प्रयासों के प्रति हम आपके आभारी हैं और आशा करते हैं कि इसी प्रकार परिवहन क्षेत्र में भी हमें आपके स्तर से सहयोग प्राप्त होगा तथा प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन में सुधार देखने को मिलेगा।